बिलासपुर :रेडी-टू-ईट के (ready to eat case ) प्रोडक्शन को लेकर राज्य सरकार की ऑटोमेटिक मशीनों से तैयार करने के फैसले को स्वसहायता समूहों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. इस मामले में गुरुवार को हाई कोर्ट ने फिलहाल स्वसहायता समूहों को राहत दी है.
रेडी-टू-ईट मामले में स्वसहायता समूहों को मिली राहत, अगली सुनवाई तक हाईकोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक
रेडी-टू-ईट मामले (ready to eat case) में शासन के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगाकर स्व सहायता समूहों को तात्कालिक तौर पर राहत दी है.
स्व सहायता समूहों को तात्कालिक राहत
रेडी-टू-ईट मामले में शासन के आदेश पर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) ने रोक लगाकर स्व सहायता समूहों को तात्कालिक तौर पर राहत दी है. रेडी-टू-ईट मामले में शासन के निर्णय को चुनौती देते हुए 5 महिला स्वसहायता समूहों ने प्रभावित होने वाली 20 हजार महिलाओं की तरफ से हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इस जनहित याचिका के पहले 230 अलग-अलग रिट पिटीशन भी दायर की गई है.
जस्टिस पी सेम कोशी की बेंच में हुई सुनवाई
आज जस्टिस पी सेम कोशी की बेंच में सभी याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने शासन के निर्णय पर आगामी सुनवाई तक अंतरिम रोक लगा दी है. इस रोक के बाद अब स्व सहायता समूह आगामी सुनवाई तक बिना किसी बाधा के पूर्व की तरह कार्य कर सकेंगे. हाईकोर्ट में 3 और 4 मार्च को इस मामले में अंतिम सुनवाई तय की गई है.
महिला स्वसहायता समूहों ने प्रस्ताव को हाईकोर्ट में दी थी चुनौती
बता दें कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों में वितरित किए जाने वाली रेडी-टू-ईट को अब ऑटोमेटिक मशीन से उत्पादन करने का निर्णय लिया है. बीते 22 नवंबर को हुई कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. सरकार का मानना है कि इससे आहार की व्यवस्था और गुणवत्ता बेहतर होगी. शासन के इस निर्णय को महिला स्वसहायता समूहों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है.