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Rebels In Chhattisgarh Assembly Election: बिलासपुर संभाग में बागी बिगाड़ सकते हैं चुनावी खेल, जानिए किस जिले में कितने बागी ?

Rebels In Chhattisgarh Assembly Election छत्तीसगढ़ विधानसभा 2023 का दंगल शुरू हो गया है. पार्टियों के उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतर गए हैं. बीजेपी, कांग्रेस सहित कई छोटी बड़ी पार्टियों के प्रत्याशी जहां पार्टी से हरी झंडी मिलने के बाद अपना नामांकन दाखिल किए हैं. वहीं निर्दलीय उम्मीदवार भी नामांकन दाखिल किए हैं. इसके अलावा पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर नाराज नेता बगावत कर निर्दलीय और अन्य पार्टियों से टिकट लेकर चुनावी मैदान में सीना तानकर खड़े हैं. Chhattisgarh Assembly Election 2023

Rebels can spoil game in Bilaspur
बागी बिगाड़ेंगे किसका खेल ?

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 1, 2023, 7:30 PM IST

बिलासपुर :छत्तीसगढ़ में कुछ ही दिनों में पहले चरण का चुनाव होगा.बिलासपुर संभाग की 24 सीटों में कई ऐसी सीट हैं. जहां बीजेपी और कांग्रेस का सीधा मुकाबला होना है. वहीं कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार दिख रहे हैं. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा विधानसभा सीटों वाला संभाग बिलासपुर ही है.यहां 24 सीट हैं. जिनमें दोनों ही दलों के विधायक हैं.

संभाग में 8 जिले, 24 विधानसभा सीट :बिलासपुर संभाग में 2018 में कांग्रेस का अच्छा खासा दबदबा रहा. कांग्रेस को 2018 के विधानसभा चुनाव में 12 सीट हासिल हुई थी.इसके बाद दो उपचुनाव हुए उसमें भी कांग्रेस ने जीत कर 14 विधानसभा सीटों पर अपना कब्जा जमाया.8 जिलों के 24 विधानसभा में 14 सीट पर कांग्रेस, 7 पर बीजेपी, 2 बसपा और 1 सीट पर जनता कांग्रेस जोगी (जेसीसीजे) का कब्जा है.


बागी बिगाड़ सकते हैं खेल :बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर चांपा, मुंगेली, मरवाही, सारंगढ़ और सक्ती जिले बिलासपुर संभाग में आते हैं. इनमें अगर बागी कांग्रेस और बीजेपी नेताओं की बात करे तो केवल रायगढ़ विधानसभा में ही बीजेपी की बागी नेता ने चुनाव में नामांकन दाखिल कर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. दूसरी जगहों से सिर्फ कांग्रेस के ही बागी नेता चुनाव लड़ रहे हैं.


बागियों ने भरा नामांकन :राज्य की दो मुख्य राजनीतिक पार्टियों में भाजपा–कांग्रेस पार्टी में कई नेता बागी हो गए हैं. इसी तरह कुछ निर्दलीयों ने भी नामांकन दाखिल किया है. हालांकि अभी नाम निर्देशन वापस लेने का समय है. लेकिन जो निर्दलीय हैं उनसे मानमव्वल का दौर शुरू हो गया ताकि वह अपना नाम निर्देशन वापस ले लें. लेकिन जो दूसरी पार्टी ज्वाइन कर लिए हैं और नामांकन भरा है वो शायद ही नाम वापस लें.


1. बिलासपुर जिले की बात करें तो जिले के बिलासपुर शहर , बेलतरा, कोटा, मस्तूरी, बिल्हा, तखतपुर विधानसभाओं में मस्तूरी विधानसभा में बीजेपी बागी नेता चांदनी भारद्वाज ने पार्टी से बगावत करके जेसीसीजे से टिकट लेकर अपना नामांकन दाखिल किया है. वहीं कोटा में त्रिकोणीय मुकाबला है. यहां बीजेपी कांग्रेस के अलावा जेसीसीजे विधायक रेणु जोगी ने भी नामांकन दाखिल किया है.

2. कोरबाजिले के चार विधानसभा में टिकट नहीं मिलने से नाराज होने वाले नेता तो हैं. लेकिन अब तक कोई भी पार्टी से बगावत नहीं किया है.

3.रायगढ़ के चार विधानसभा में केवल रायगढ़ शहर विधानसभा में ही बीजेपी कांग्रेस के दो नेताओं ने बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे हैं.तीन विधानसभा धरमजयगढ़, लैलूंगा और खरसिया में बीजेपी कांग्रेस का सीधा मुकाबला है.

4. सक्तीजिले की तीनों विधानसभा सक्ती, जैजैपुर और चंद्रपुर में बगावत के सुर नहीं सुनाई दिए हैं. यहां भी बीजेपी कांग्रेस में सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा.

5. मुंगेली जिले के दो विधानसभा मुंगेली और लोरमी के दोनों विधानसभाओं में कांग्रेस के बागी नेताओं ने चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. एक ने जेसीसीजे ज्वाइन कर नामांकन भी दाखिल कर दिया है. कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सागर सिंह बैंस ने लोरमी से जेसीसीजे बैनर तले नामांकन भरा है.वहीं मुंगेली विधानसभा के कद्दावर कांग्रेस नेता रूपलाल कोसरे ने भी निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है.

6. जांजगीर चांपा जिले की तीन विधानसभा जांजगीर, अकलतरा और पामगढ़ में तीनों विधानसभाओं में कांग्रेस के बागियों ने नामांकन दाखिल किया है. जिनमें जांजगीर से कांग्रेस के पूर्व विधायक भी शामिल है. इसी तरह अकलतरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने राघवेन्द्र सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है. इसके बाद भी कांग्रेस के पूर्व विधायक ने नामांकन भर दिया.आपको बता दें कि मोती लाल देवांगन ने भी जांजगीर चांपा विधानसभा से कांग्रेस पार्टी के टिकट की दावेदारी की थी लेकिन पार्टी ने ब्यास कश्यप को प्रत्याशी घोषित कर दिया है. पामगढ विधानसभा से दो बार कांग्रेस के प्रत्याशी रहे और इस बार भी कांग्रेस से टिकट मिलने की उम्मीद में गोरेलाल थे. लेकिन पार्टी ने शेष राज हरबंश को प्रत्याशी घोषित करने के बाद गोरे लाल बर्मन ने अपने समर्थकों के साथ रायपुर और दिल्ली में पार्टी के निर्णय का विरोध किया.आखिरकार जेसीसीजे के बैनर तले पामगढ़ से नामांकन जमा कर दिया.

7. गौरेला पेंड्रामरवाहीमें एक ही विधानसभा मरवाही है. यहां कांग्रेस ने अपने विधायक केके ध्रुव को टिकट दिया है. यहां भी विरोध के सुर दिखाई दे रहे हैं.पार्टी के पुराने नेता गुलाब राज ने केके ध्रुव का विरोध किया.टिकट मिलने के बाद गुलाब राज ने पार्टी छोड़ी और जेसीसीजे बैनर तले नामांकन भर दिया.


8. सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में दो विधानसभा हैं.दोनों ही सीट में भी कोई विरोध के स्वर नहीं हैं.

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