बिलासपुर :छत्तीसगढ़ का रामनामी समाज अपने नाम के अनुसार ही पूरे विश्व में जाना जाता है.इस समुदाय से आने वाले लोगों ने अपने पूरे शरीर को राममय कर रखा है.शरीर का ऐसा कोई भी हिस्सा नहीं बचा है जहां, राम का नाम ना लिखा हो.राम का नाम लिखाने की अनोखी शैली के कारण इनके समाज को रामनामी समाज के नाम से प्रसिद्धि मिल गई. राम नवमी के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामनामी समाज के लोगों को श्रीरामनाम संकीर्तन के लिए आमंत्रित किया है.
क्या है रामनामी समाज की पहचान :इस समाज की सबसे बड़ी पहचान ये है कि इनके पूरे शरीर में राम नाम का गोदना गुदा रहता है. ये टैटू किसी खास मशीन और स्याही से बनाया जाता है. इसी वजह से मिटता नहीं.जीवन के आखिरी समय में भी राम का नाम इनके शरीर के साथ जाता है. भगवान राम के प्रति श्रद्धा को देखते हुए इन्हें रामनामी समाज कहा जाता है.
सादगी से जीते हैं जीवन : रामनामी समाज के गोपाल कृष्ण रामानुज दास ने इस बारे में जानकारी दी है. रामानुज दास के मुताबिक ''आज के युवा राम नाम कहने में संकोच करते हैं. लेकिन जंगल में रहने वाले आदिवासी रामनामी लोग अपने पूरे शरीर पर राम नाम अंकित कराते हैं. आदिवासी राम की भक्ति में रम कर भजन करते हैं. रामनामी समाज से जुड़े लोग अपने पूरे जीवन में ना नशा करते हैं और ना ही मांसाहार लेते हैं. समाज सादगी से अपना पूरा जीवन बिताता है.''