बिलासपुर : समग्र ब्राह्मण परिषद् छत्तीसगढ़ की ओर से इस साल अधिकमास में 'पुरुषोत्तम चर्चा' का आयोजन किया जा रहा है. हर दिन के अंतराल पर शाम 3:30 से 4:00 बजे तक होने वाला यह आध्यात्मिक सत्संग समग्र ब्राह्मण परिषद् छत्तीसगढ़ के सभी फेसबुक अकाउंट पर लाइव होगा. वर्तमान परिस्थिति में संपूर्ण विश्व में फैले कोरोना महामारी के दृष्टिकोण से सावधानी और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए संगठन द्वारा सोशल मीडिया को माध्यम बनाया गया है.
समग्र ब्राह्मण युवा परिषद् बिलासपुर के जिला सचिव पं. शिवम अवस्थी ने इस कार्यक्रम के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि शास्त्रों के अनुसार हर तीसरे साल सर्वोत्तम यानी पुरुषोत्तम मास की उत्पत्ति होती है. इस वर्ष 18 सितंबर 2020 शुक्रवार से अधिकमास या पुरुषोत्तम मास शुरू हो रहा है, जो 16 अक्टूबर 2020 को समाप्त होगा. भारतीय गणना पद्धति के अनुसार हर सूर्य वर्ष 365 दिन और करीब 6 घंटे का होता है, वहीं चंद्र वर्ष 354 दिनों का माना जाता है. दोनों वर्षों के बीच लगभग 11 दिनों का अंतर होता है, जो हर तीन वर्ष में लगभग 1 मास के बराबर हो जाता है. इसी अंतर को पाटने के लिए हर तीन साल में एक चंद्र मास अस्तित्व में आता है, जिसे अतिरिक्त होने के कारण अधिकमास का नाम दिया गया है.
पुरुषोत्तम भगवान विष्णु का ही एक नाम
अधिकमास के अधिपति स्वामी भगवान विष्णु माने जाते हैं. पुरुषोत्तम भगवान विष्णु का ही एक नाम है, इसलिए अधिकमास को पुरुषोत्तम मास के नाम से भी पुकारा जाता है. इस विषय में एक बड़ी ही रोचक कथा पुराणों में पढ़ने को मिलती है. कहा जाता है कि भारतीय मनीषियों ने अपनी गणना पद्धति से हर चंद्र मास के लिए एक देवता निर्धारित किए. अधिकमास सूर्य और चंद्र मास के बीच संतुलन बनाने के लिए प्रकट हुआ, तो इस अतिरिक्त मास का अधिपति बनने के लिए कोई देवता तैयार ना हुआ. ऐसे में ऋषि-मुनियों ने भगवान विष्णु से आग्रह किया कि वे ही इस मास का भार अपने ऊपर लें.
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