बिलासपुर: जिले के कई नगर पंचायतों में एक पेंड्रा की अपनी एक अलग अहमियत है. नई सरकार ने पेंड्रा-मरवाही इलाके को बिलासपुर से अलग कर एक नया जिला बनाने की घोषणा की है. इस फैसले के बाद पेंड्रा के लोगों में विकास को लेकर एक अलग उम्मीद देखने को मिली है.
अगर यहां के लोगों की बात सुनी जाए तो शहर की मुख्य समस्या सफाई, सड़क, पानी के साथ ही स्वास्थ्य सुविधा है. शहर के मुख्य मार्ग और बस स्टैंड ही यहां पहली बार आने वालों को विकास की असल हकीकत से रूबरू करा रहा है. शहर में 15 साल पहले बस स्टैंड बनाया तो गया लेकिन हालात कुछ ऐसे बने की आज तक शुरू नहीं हो पाया है.
पेंड्रा शहर में नगरीय निकाय चुनाव. स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर लोगों को बिलासपुर के अलावा और कुछ समझ नहीं आता है. इलाके में छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज ही संभव है. एक्सीडेंट जैसे इमरजेंसी केस के वक्त शहर का स्वास्थ्य केन्द्र मरीजों को बिलासपुर रेफर करने के अलावा और कुछ नहीं करती है. स्वच्छ भारत अभियान और स्वच्छता के सारे दावे खोखले ही हैं.
पेंड्रा नगर पंचायत में कुल 11 हजार 11 मतदाता मौजूद हैं. इनमें 5,366 महिला और 5,645 पुरुष शामिल हैं. नगर पंचायत अध्यक्ष की सीट पिछली बार कांग्रेस के पाले में थी. बता दें, मरवाही जनता कांग्रेस सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का गृहग्राम का इलाका है. अजीत जोगी की पार्टी पहली बार नगरीय निकाय लड़ने जा रही है. पेंड्रा सीट को लेकर अजीत जोगी को गृह इलाके का फायदा मिल सकता है.