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विचाराधीन कैदी की इलाज के दौरान संदिग्ध परिस्थिति में मौत, परिजनों ने लगाए ये आरोप - बिलासपुर में कैदी की मौत

जिले के गौरेला के उपजेल के कैदी की अचानक तबीयत बिगड़ने से इलाज के दौरान संदिग्ध परिस्थिति में मौत होने का मामला सामने आया है.

तबीयत बिगड़ने से इलाज के दौरान संदिग्ध परिस्थिति में कैदी की हुई मौत.

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Published : Aug 21, 2019, 7:47 PM IST

बिलासपुर: गौरेला के उपजेल में एक दिन पहले ही लाए गए विचाराधीन कैदी की अचानक तबीयत बिगड़ने से इलाज के दौरान संदिग्ध परिस्थिति में मौत होने का मामला सामने आया है.

तबीयत बिगड़ने से इलाज के दौरान संदिग्ध परिस्थिति में हुई कैदी की मौैत

छेड़छाड़ के मामले का आरोपी था मृतक
छेड़छाड़ के मामले में पेशी पर नहीं पहुंचने से कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ स्थाई वारंट जारी किया था, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को एक दिन पहले ही जेल में डाला था. वहीं मामले में मृतक के परिजनों ने पुलिस पर मृतक की तबीयत खराब होने के बाद भी उसके साथ मारपीट किए जाने का आरोप लगाते हुए मामले में जांच की मांग की है.

दूसरी तरफ जेल प्रबंधन मृतक के मौत के पीछे उसकी तबीयत खराब होने को वजह मान रही है, तो जेल में पदस्थ डॉक्टर कैदी की मौत के पीछे समय से सहीं जांच न किए जाने की बात कह रहे हैं.

ये है घटना

  • पूरा मामला मरवाही के देवगांव क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी युवक रघुनाथसिंह गौर से जुड़ा हुआ है, जो छेड़छाड़ के मामले में जमानत पर था और खेती-किसानी के चलते पेशी में नहीं जा पाया, जिसका कोर्ट से स्थाई वारंट भी जारी था. इसके बाद सोमवार की रात मरवाही पुलिस ने रघुनाथसिंह के घर पर दबिश दी और उसे पकड़ लिया.
  • उस समय रघुनाथ की तबीयत खराब थी और परिजनों ने भी इस बात को पुलिस को बताया पर मरवाही थाने में पुलिसकर्मियों ने किसी की भी नहीं सुनी और रघुनाथ की डंडे से खदेड़ते हुए पुलिस वाहन में बैठाया और थाने ले आए. कागजी कार्रवाई के बाद पुलिस ने रघुनाथ को कोर्ट में पेश किया और कोर्ट के आदेश के बाद रघुनाथ को जेल भेजने की तैयारी में जुट गई.
  • इसके बाद आरोपी को जेल में डालने से पहले मरवाही के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकीय परीक्षण के बाद गौरेला के जेल में भेज दिया गया, जहां पर कागजी कार्रवाई के बाद रघुनाथ को जेल भेज दिया गया.
  • मंगलवार को सुबह रघुनाथ की तबीयत बिगड़ी, जिसके बाद मामले की जानकारी जेलर को मिलते ही तत्काल उसे जेलकर्मियों की मदद से गौरेला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां पर दवाइयां देकर रघुनाथ को डॉक्टर ने वापस भेज दिया.
  • उसी दिन शाम को ही फिर अचानक रघुनाथ की तबीयत बिगड़ी, जिसके बाद आनन-फानन में जेल प्रबंधक ने रघुनाथ को गौरेला के सरकारी अस्पताल इलाज के लिए लाया. इलाज करने वाले डॉक्टरों की मानें, तो रघुनाथ की गंभीर हालत को देखते हुए उसे तत्काल बिलासपुर के लिए रेफर कर दिया गया पर बिलासपुर पहुंचने से पहले ही रतनपुर के पास ही उसकी मौत हो गई.

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