बिलासपुर: दंतेवाडा की डंकनी नदी को प्रदूषित करने के मामले में दायर जनहित याचिका पर आज बिलासपुर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. बिलासपुर हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता की शिकायत पर पर्यावरण संरक्षण मंडल फैसला ले.
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छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड को कोर्ट ने दिया निर्देश
दंतेवाडा की डंकनी-शंखनी नदी (Dantewada Dankani-Shankhani river) के संगम के कुछ मीटर पहले डंकनी नदी के साथ खिलवाड़ कर उसके तट पर आयरन ओर का कचरा डंप किया जा रहा है. नदी तल पर रिटेनिंग दीवाल बनाने के मामले में बिलासपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश अरूप कुमार गोस्वामी और न्यायमूर्ति नरेश कुमार चंद्रवंशी की युगल पीठ ने याचिका दायर की थी. जनहित याचिका का निराकरण करते हुए छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड को कोर्ट ने आदेश दिया है. इसकी सुनवाई कर फैसला लेने की बात कही है.
नदी में आयरन ओर डंप करना प्रतिबंधित
याचिकाकर्ता नितिन सिंघवी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि निजी कंपनी नदी के तटबंध के बिल्कुल बाजू में आयरन ओर का वेस्ट मटेरियल डंप कर रही है. जो कि सॉलिड वेस्ट के तहत आता है, इसे डंप करना प्रतिबंधित है. आयरन ओर के इन वेस्ट मटेरियल से बरसात के पानी में मिलकर जहरीले पदार्थ निकलकर नदी को प्रदूषित और पानी को लाल किया जा रहा है.मामले ने जब तूल पकड़ा तब प्रशासन आनन-फानन में नदी के रिवर बेड अर्थात नदी तल पर ही रिटेनिंग वॉल बनवा रहा है. रिटेनिंग वॉल बनाने से नया तटबंद तैयार हो जायेगा, जिससे नदी की मुख्य धारा बदल जाएगी. कोर्ट को बताया गया कि इस प्रकार नदी के तट से खिलवाड़ करना सर्वोच्च न्यायलय द्वारा स्थापित पब्लिक ट्रस्ट के सिद्धांतों के विरुद्ध है.