बिलासपुर: बीते विधानसभा चुनाव में चुनावी मुद्दा बन कर उभरे अरपा नदी के मुद्दे पर आज भी सियासत जारी है. हाल ही में अरपा विकास प्राधिकरण के विघटन की खबर ने अरपा पर सियासत को और ज्यादा गरमा दिया है.
अरपा विकास प्राधिकरण का विघटन, बीजेपी-कांग्रेस में तू-तू, मैं-मैं
विपक्ष का कहना है कि अरपा के सौंदर्यीकरण, पानी का निरंतर बहाव और गंदे पानी के ट्रीटमेंट जैसे तमाम कार्यों के लिए डीपीआर तैयार कर लिया गया था.
बीजेपी ने अरपा विकास प्राधिकरण के विघटन पर कांग्रेस सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. बीजेपी नेता और बिलासपुर के मेयर किशोर राय का कहना है कि अरपा विकास प्राधिकरण का गठन ही अरपा के व्यापक कल्याण के लिए किया गया था. वर्तमान सरकार ने सिर्फ बदले की भावना को ध्यान में रखते हुए अरपा विकास प्राधिकरण का विघटन किया है. विपक्ष का कहना है कि अरपा के सौंदर्यीकरण, पानी का निरंतर बहाव और गंदे पानी के ट्रीटमेंट जैसे तमाम कार्यों के लिए डीपीआर तैयार कर लिया गया था. लेकिन, ऐन वक्त पर वर्तमान सरकार ने अरपा विकास प्राधिकरण का विघटन कर अपनी मंशा जाहिर कर दी है.
वहीं बिलासपुर के कांग्रेसी विधायक शैलेष पांडेय ने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि अरपा विकास प्राधिकरण के नाम पर यदि अरपा का विकास होना था तो पिछले 10 सालों में कुछ भी काम क्यों नहीं दिखा? पूर्ववर्ती सरकार ने अरपा विकास प्राधिकरण के नाम पर महज करोड़ों रुपए का बर्बाद किए हैं. लिहाजा कांग्रेस सरकार अब नए सिरे से अरपा के सौंदर्यीकरण और विकास को लेकर रूपरेखा तैयार कर रही है.