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बिलासपुर: हुक्का बार में पुलिस ने मारा छापा, नशा करते मिले युवा - हुक्का बार में पुलिस की रेड

बिलासपुर पुलिस ने नशे के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है. नशे के सौदागरों पर लगाम लगाने के लिए जिले के SP प्रशांत अग्रवाल ने हुक्का बारों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

Police raid in hookah bar
पुलिस की कार्रवाई

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Published : Dec 12, 2020, 12:56 PM IST

Updated : Dec 12, 2020, 3:04 PM IST

बिलासपुर: पूरे प्रदेश में नशे का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है. नशे के सौदागरों के लिए राजधानी रायपुर, बिलासपुर और भिलाई इसके बड़े सेंटर्स के रूप में उभरे हैं. एलएसडी, एमडीएमए, एमकैट और कोकीन जैसे खतरनाक मादक पदार्थ जो बेहद महंगे दामों में उपलब्ध होते हैं, वे छत्तीसगढ़ के युवाओं को तेजी से अपनी जद में ले रहे हैं. नशे के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए जिले के एसपी प्रशांत अग्रवाल के निर्देश पर लगतार कार्रवाई की जा रही है.

शुक्रवार देर रात को पुलिस ने कई हुक्का बारों और अवैध रूप से नशे का कारोबार करने वालों पर कार्रवाई की है. पुलिस ने ग्रीक होटल देवरीखुर्द, कोका गुरुनानक चौक, कोयला, नटराज, सिल्वर ओक, हैंग ओवर बार और रेस्टोरेंट पर छापेमार कार्रवाई की है. इस दौरान सिल्वर ओक होटल में कुछ लोग हुक्का पीते पाए गए. हुक्का पी रहे युवकों को पकड़कर थाने लाया गया. युवकों को समझाइश देकर छोड़ दिया गया. होटल के मैनजेर के खिलाफ कोटपा एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है.

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छत्तीसगढ़ में बढ़ता नशे का कोरबार

पुलिस के ताबड़तोड़ छापे से हुक्का बार संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है. नशे के कारोबारियों के हौसले पस्त हैं. एक ओर जहां गांव और शहर विकास की राह में आगे बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नशे की लत गांवों और शहरी क्षेत्रों में अपने पैर पसार रहा है. युवा पीढ़ी नशे की चपेट में आकर बर्बादी की ओर रुख कर रही है. युवाओं का एक बड़ा वर्ग नशे के लिए टैबलेट, सिरप और बॉनफिक्स जैसी दवाईयों का उपयोग कर रहा है. इसमें मुख्य रूप से स्कूली बच्चे शामिल हैं. छत्तीसगढ़ में पिछले 2 साल की तुलना में नशीले पदार्थों का करोबार तेजी से बढ़ा है. लगातार युवा वर्ग इसकी चपेट में आकर अपनी जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

भारत में मादक पदार्थों का सेवन

सबसे अधिक इस्तेमाल होनी वाली ड्रग्स हैं- कच्ची अफीम, खसखस ​​भूसी और हेरोइन. यह सभी अफीम के डेरिवेटिव हैं. इसके अलावा काउंटर पर बेची जाने वाली दवाएं हैं, जिनका ड्रग्स के लिए उपयोग होता है. भारत में ज्यादातर हेरोइन पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान से आती है.

आंकड़ों की बात करें तो

  • 27.3% पुरुष, 1.6% महिलाएं और 1.3% बच्चे (10 से 17 वर्ष) वर्तमान में शराब का सेवन करते हैं.
  • 5% पुरुष, 0.6% महिलाएं, 0.9% बच्चे एवं किशोर कैनाबिस (भांग, चरस, गांजा) का सेवन करते हैं.
  • 4% पुरुष, 0.2% महिलाएं, 1.8% किशोर ओपिओइड (स्मैक, डोडा, फूकी, पॉपी हस्क, हेरोइन) का सेवन करते हैं.
  • इनहेलेन्ट ड्रग्स की लत बच्चों एवं किशोर वर्ग (1.17%) में वयस्कों (0.58%) की तुलना में अधिक है.

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नशे का दुष्प्रभाव

  • नशे के सेवन से मस्तिष्क में डोपामाइन का स्तर बढ़ता है और संरचना में परिवर्तन होता है, जिससे भविष्य में नशे की लत को बढ़ावा मिलता है.
  • नशे से मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और सोचने-समझने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
  • एकाग्रता, स्मृति, व्यक्तित्व और व्यवहार में समस्या.
Last Updated : Dec 12, 2020, 3:04 PM IST

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