बिलासपुर : कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच शासन-प्रशासन सभी लोगों से ज्यादा-ज्यादा घर पर रहने की अपील कर रहा है. बेवजह घर से बाहर निकलने पर भी मनाही की जा रही है. लेकिन इन सबके बीच सड़क पर रह रहे बेघर लोगों का क्या, जिनका 'आसरा' ही सड़क हो, आसमान ही उनकी 'छत' हो, सर्द हवाएं उनकी 'चादर' हों और वे बारिश में जीने को मजबूर हो. ऐसे गरीब तबके के लोगों की स्थिति को जानने के लिए ETV भारत की टीम ने शेल्टर होम का जायजा लिया.
कहने को बिलासपुर संस्कारधानी है, लेकिन शहर में शायद ही कोई ऐसा कई कोना बचा है, जहां बिना घर परिवार के बेसहारा और बेबस लोगों की भीड़ न दिखती हो. शहर के पुराने बस स्टैंड, स्टेशन क्षेत्र के अलावा शहर के अन्य मुख्य मार्गों के किनारे गुजर-बसर करने वालों की स्थिति बेहद खराब है. ये लोग बीते कई महीनों से तंग हाल जिंदगी जी रहे हैं. गाड़ियां बंद होने के कारण वो अपने शहर लौट नहीं पाए और स्थिति इतनी खराब हो गई कि, वो शहर में ही औरों के रहमत के भरोसे जीने लगे. इनका हालचाल लेने के लिए न विधायक आए, न मंत्री और न ही शासन-प्रशासन का कोई नुमाइंदा. ये लोग समाजसेवी और लोगों की मदद से अपना गुजर-बसर कर रहे हैं. शहर में कहीं मुफ्त दाल-चावल का वितरण होता है, तो ये अपना पेट भर लेते हैं.
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