गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: सरकारी अस्पताल में मरीजों का बुरा हाल है. यहां मरीजों को दिए जाने वाले खाने पर ठेकेदार डाका डाल रहे हैं. प्रसूताओं से लेकर दूसरे मरीजों को सरकार की ओर से निर्धारित मैन्यू चार्ट के मुताबिक नाश्ता-खाना कुछ भी नहीं दिया जा रहा है. पौष्टिक आहार, फल, अंडा, दूध तो छोड़िए. मरीजों को रोटी और हरी सब्जियां भी नहीं मिल रही है. हैरत की बात तो ये है कि सीएमएचओ (CMHO) को मामले की जानकारी ही नहीं है. उन्होंने ETV भारत के जरिए मामले की जानकारी मिलने के बाद जांच और कार्रवाई की बात कही है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत अस्पतालों में मरीजों के लिए खाने की व्यवस्था है. इन मरीजों में प्रसूता महिलाएं भी शामिल हैं. इसके तहत गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा, सुपाच्य और हाई न्यूट्रिशंस युक्त खाना उपलब्ध कराना है. जिसके तहत सुबह 7:30 बजे चाय, दूध के साथ चार बिस्कुट टोस्ट, मूंगफली और राजगीरा का लड्डू दिया जाना है.
सुबह शाम दिया जाना है खाना और नाश्ता
सुबह 9 बजे नाश्ते में पोहा, उपमा, इडली, पराठा, उबला अंडा में से कोई एक, और 200ml दूध दिया जाना है. इसके बाद दोपहर 12 बजे खाने में रोटी, चावल, दाल, हरी सब्जी के अलावा पनीर या मशरूम की सब्जी के साथ फल दिया जाना है. इसके बाद शाम 4 बजे दोबारा चाय, दूध और बिस्कुट देना है. जबकि रात के खाने के लिए शाम 7 बजे दाल, चावल, रोटी, सब्जी के अलावा 200ml दूध दिया जाना है.