बिलासपुर :मेडिकल साइंस ने भले ही कितनी तरक्की कर ली हो. लेकिन शरीर के अंदर बनने वाले खून का कोई विकल्प विज्ञान के पास नहीं है. यानी की आपको जिंदा रखने के लिए जिस खून की जरुरत होती है,वो आपके शरीर में ही बनता है. इसलिए रक्त की अहमियत क्या है ये सभी जानते हैं. रक्तदान के बाद इकट्ठा किए गए खून से अब चार जिंदगियां बचाई जाती हैं. इस खून से चार अलग-अलग कंटेंट निकाले जाते हैं.
खून के अंदर क्या हैं कंटेंट :एक यूनिट खून से चार कंटेंट तैयार किए जाते हैं. पहला कंटेंट आरसीबी के रूप में होता है. दूसरा कंटेंट डब्ल्यूबीसी के रूप में तैयार किया जाता है.इसके बाद ब्लड से प्लेटलेट्स और प्लाज्मा अलग किया जाता है.इसमें इकट्ठा किए गए अलग-अलग कंटेंट रोगियों को दिए जाते हैं. जैसे आरबीसी उन मरीजों को दिया जाता है जिनके शरीर में खून नहीं बनता और हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है. WBC से प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है. प्लाज्मा और प्लेटलेट्स खून में थक्का बनाने में मददगार होते हैं.ताकि रक्तस्त्राव रुक सके.
सिम्स आठ हजार लोगों को देता है ब्लड :बिलासपुर संभाग का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज सिम्स सालाना 8 हजार यूनिट ब्लड इकट्ठा करता है. यह ब्लड दानदाताओं से सिम्स को प्राप्त मिलता है. लगभग इतने ही मरीजों को यहां से ब्लड दिया भी जाता है. सिम्स मेडिकल कॉलेज की ब्लड बैंक की एचओडी डॉक्टर सुपर्णा गांगुली ने बताया कि ''सिम्स में 13 जिलों के साथ ही मध्य प्रदेश के कुछ जिलों के मरीज यहां इलाज कराने आते हैं. सालाना लगभग 65 हजार मरीजों का इलाज किया जाता है. लगभग साढ़े सात से 8 हजार लोगों को यहां से ब्लड दिया जाता है.''