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benefits of napier grass: किसानों को मालामाल बनाने वाला घास, बायोफ्यूल और कोल से होगी आमदनी

छत्तीसगढ़ में परंपरागत खेती से ऊपर उठकर अब अलग तरह की खेती की जा रही है. किसान खेतों में अब घास की खेती कर सालाना प्रति एकड़ 2 लाख रुपए तक मुनाफा कमा सकते है. ये घास कोई मामूली घास नहीं बल्कि भविष्य में यह ईंधन भी देने वाली है. एक बार इसकी फसल लगाने के बाद हर तीन महीने में 6 साल तक इसे काटा जा सकता है .वो भी बिना किसी दवाई छिड़काव और बिना खाद के इसकी फसल लहलहाने लगती है. इसे केवल पानी चाहिए. इस घास को नेपियर घास कहा जाता है.नेपियर घास की बुआई के बाद 3 महीने में ही काटने लायक हो जाती है. इसकी लंबाई 10 फीट तक जाती है. जो भविष्य में किसानों के लिए काफी लाभकारी होने वाली है.

benefits of napier grass
किसानों को मालामाल बनाने वाला घास

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Published : Feb 24, 2023, 4:59 PM IST

Updated : Feb 27, 2023, 1:08 PM IST

नेपियर घास

बिलासपुर : एक किसान ने कुछ ऐसा काम शुरू किया है, जो उसके साथ ही किसानों के लिए काफी लाभकारी और आर्थिक रूप से मजबूत करने वाला है. इस किसान ने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़कर नेपियर घास की खेती शुरू की है. बिलासपुर के रहने वाले राम कुमार देवांगन पहले पेस्टिसाइड कंपनी में काम करते थे, लेकिन मन में हमेशा यह कसक रहता था कि वह किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए प्रोत्साहित करें. इसके लिए उन्होंने नेपियर घास की खेती की है.जो आने वाले समय में किसानों के साथ ही पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से छुटकारा तो दिलाएगा ही साथ ही किसानों को सालाना लाखों रुपए का आय भी देगा.


नेपियर घास की खासियत :नेपियर घास सामान्य घास से कुछ अलग होता है. इसे अब तक पशुधन को खिलाने का उपयोग किया जाता रहा है. यह सामान्य से कई गुना ज्यादा बड़ा होता है. इस घास को लगाने के बाद यह कुछ ही महीनों में यह 10 फीट तक हो जाता है. इसमें सामान्य घास के मुकाबले कैलोरीफिक वैल्यू ज्यादा होता है. प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट भी इसमें अधिक होता है. इसे पशुधन को खिलाने पर फैट होता है, और इससे पशुधन को खिलाने से दूध की ज्यादा लिया जा सकता है.



नेपियर है भविष्य का ईंंधन :अब नेपियर घास का उपयोग कुछ अलग ही तरीके से किए जाने की बात सामने आ रही है. कुछ रिसर्च कंपनियां इस पर रिसर्च की है, जिससे नेपियर घास से सीएनजी गैस, कंप्रेस बायो गैस (सीबीजी) बनने के बाद इससे ऑर्गेनिक खाद भी बनाया जा सकेगा. नेपियर से बायो कोल बनाया जाएगा और इसे जलाने से वेस्टिज भी नहीं मिलेगा. इस घास में कुछ ऐसा है कि भविष्य में ईंधन के रूप में काम आएगा. घास से बनने वाले ईंधन से गाड़ी चलाई जा सकेगी और इससे घर का चूल्हा भी चलेगा. यानी यह पूरी तरह प्राकृतिक होगा. इससे पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होगा. लोगों को ईंधन की बढ़ती कीमतों से छुटकारा भी मिलेगा. लेकिन यह अभी भविष्य में होगा. फिलहाल इसे किसान अपने खेतों में लगाकर आने वाले भविष्य में इससे मुनाफा पा सकते हैं.



कितना होगा सालाना मुनाफा :नेपियरकी खेती को प्रोत्साहित करने वाले किसान और खुद ही इसके खरीदार राम कुमार देवांगन ने बताया कि ''खेतों में सुपर नेपियर घास की फसल लेकर छत्तीसगढ़ के किसान प्रति एकड़ दो लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. नेपियर घास का उपयोग जैविक खाद, बायोकोल, सीएनजी गैस बनाने में किया जाएगा. मुंबई की एक कंपनी मीरा क्लीन फ्यूल्स लिमिटेड बिलासपुर के तखतपुर ब्लॉक के परसदा गांव में अप्रेल माह तक अपना यूनिट स्थापित करने की तैयारी कर रही है. कंपनी क्षेत्रीय सरस मेले में प्रदर्शनी लगाकर किसानों को इसकी जानकारी दे रही है. नेपियर की साल में चार बार कटाई की जा सकती है .इसे एक बार लगाने के बाद 6 साल तक 24 बार काटा जा सकता है. नेपियर घास की खेती करके प्रति एकड़ सालाना दो लाख रुपये तक कमाई की जा सकती है.''

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कम खर्च में अधिक कमाई :नेपियर घास को एक बार लगाने में लगभग 15 हजार रुपए खर्च आता है. वह भी खर्च महाराष्ट्र से बीज मंगाने पर आता है.बीज एक बार लगाने के बाद इसमें कोई खर्च नहीं होता. अन्य फसलों में जैसे खाद, दवाई और कीटनाशक छिड़काव किए जाते हैं, नेपियर घास को इन सब की जरूरत नहीं होती. नेपियर घास को 15-15 दिन में केवल पानी चाहिए होता है.पानी के अलावा इसमें किसी प्रकार की दवाई की आवश्यकता नहीं पड़ती. इसके अलावा इसमें कीट भी नहीं लगते. इसकी देखरेख की भी कोई जरूरत नहीं पड़ती, यानी एक बार लगाने के बाद सीधा फसल काटा जाता है. काफी कम खर्च में किसान इसमें अधिक लाभ कमा सकता है.

Last Updated : Feb 27, 2023, 1:08 PM IST

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