मुंगेली: जिले में कुपोषण और एनिमिया से बचाव के लिए 1071 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 81 केंद्रों में सप्ताह में 3 दिन अंडा और केला पौष्टिक भोजन के रूप में दिया जा रहा है. सरकार ने ये व्यवस्था जिलों के डीएमएफ से की है. इसके तहत मुंगेली जिले के 81 केंद्रों का संचालन डीएमएफ से किया जा रहा है. ये सभी केंद्र जिले के खनन क्षेत्र में ही हैं.
मुंगेली: 40 हजार महिलाएं एनिमिया से पीड़ित
मुंगेली: कुपोषण और एनिमिया से बचाव के लिए मुंगेली जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत पौष्टिक और गर्म भोजन दिया जा रहा है. डीएमएफ से दिए जा रहे पोषण आहार से कुपोषण और एनिमिया जैसी बीमारियों की रोकथाम को लेकर काम चल रहा है. इसके तहत चिन्हांकित बच्चों और महिलाओं को भरपेट पोषण आहार दिया जा रहा है.
मुंगेली कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे के मुताबिक जिले में 10 बच्चे कुपोषण और 40 हजार महिलाएं एनिमिया से पीड़ित हैं. जिन्हे चिन्हांकित कर पौष्टिक आहार दिया जा रहा है. कलेक्टर के मुताबिक सभी सेक्टर्स का समय-समय पर जांच कर कुपोषण दर में कमी लाने का दार्गेट भी अधिकारियों को दिया गया है.
नीति आयोग के आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में पांच साल से कम उम्र के 37.60 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. वहीं 15 से 49 वर्ष की 41.50 प्रतिशत युवती और महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं. जिसे दूर करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की शुरुआत की है.