बिलासपुर: वैश्विक महामारी कोरोना के इस दौर में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) छत्तीसगढ़ के श्रमिकों के लिए वरदान साबित हो रही है. लॉकडाउन की स्थिति में भी प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों लौटे प्रवासी मजदूरों को मनरेगा तहत राज्य सरकार रोजगार उपलब्ध करा रही है.
इसी कड़ी में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत बिलासपुर जिले के मजदूरों को उनके ही गांव में ही रोजगार की सुविधा मिल रही है. जिले में 6 हजार प्रवासी श्रमिक मनरेगा के काम कर रहे हैं.
जिले के 29 हजार से अधिक मजदूर क्वॉरेंटाइन
बिलासपुर जिले में अन्य राज्यों से लौटे 29 हजार 643 श्रमिकों को 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किया गया है. वहीं 20 हजार 447 श्रमिक होम आइसोलेट थे, जिनमें से 8 हजार 215 श्रमिक क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी कर चुके हैं. इन श्रमिकों में से 6 हजार 967 श्रमिकों का जॉब कार्ड उनके ग्राम पंचायतों ने जारी कर दिया गया. वहीं जॉब कार्ड से जिले के 12 हजार 515 मजदूर को इसका लाभ मिलेगा.
जिले के विकासखंड बिल्हा में अभी 1 हजार 410 श्रमिक, कोटा में 1 हजार 42 श्रमिक, मस्तूरी में 1 हजार 532 और तखतपुर में 2 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा के तहत रोजगार मिल रहा है.