Bilaspur News: जस्टिस भादुड़ी की पहल पर मानसिक रोगियों को मिल रहा इलाज - Bilaspur News
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण सामाजिक रुप से कई सहायता देने का काम तो करता ही है. इसके तहत अब मानसिक रोगी और घर से भटके बच्चों को उनके घर तक पहुंचाने का काम भी शुरू कर दिया गया है. मानसिक रोगियों के इलाज के साथ ही उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है. इससे प्रदेश में मानसिक रोगियों के इलाज के साथ ही उनके बेहतर जीवन को नई राह मिलेगी. Mental patients getting treatment
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण
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Published : Jun 16, 2023, 9:44 PM IST
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Updated : Jun 17, 2023, 1:43 PM IST
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण
बिलासपुर:समाज में अक्सर आपने देखा होगा कि विक्षिप्त लोगों के इलाज और उनकी देखरेख पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता. उन्हें अक्सर लावारिस हालत में छोड़ दिया जाता है. ऐसे लोगों की पहचान कर छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यवाहक अध्यक्ष हाई कोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी ने उन्हें उनके घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उठाई है. सभी जिला मुख्यालयों की जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से मानसिक रोगियों को उनके घर तक पहुंचाने का काम किया जाएगा. उनके आधार कार्ड के माध्यम से मानसिक रोगियों की पहचान की जा रही है. इसी तरह घर से भटके बच्चों को भी उनके घर तक पहुंचाने का काम किया जाएगा.
जस्टिस भादुड़ी ने दिए निर्देश:राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यवाहक अध्यक्ष हाई कोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी ने इसका बीड़ा उठाया है. उन्होंने सभी जिला मुख्यालयों के विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष(डीजे) और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को इस काम के लिए निर्देशित किया है. यह काम शुरू भी कर दिया गया है.
भिक्षावृत्ति पर लगेगी लगाम:राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वरियाल ने बताया कि "बचपन बचाओ आंदोलन वर्सेस यूनियन ऑफ इंडिया में दिये गये निर्देशों के पालन के तहत यह किया जाएगा. इसके तहत गुमशुदा बच्चों के अलावा दुर्घटनाओं में मृत की पहचान, मानसिक रोगियों की पहचान के काम को तेजी से किया जाना है. जिसमें आधार कार्ड एक प्रमुख दस्तावेज होता है. इसलिए प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह छोटा बच्चा ही क्यों न हो, उनका आधार कार्ड बनवाया जाना आवश्यक है, ताकि छोटे बच्चों के गुम होने या चौक, चौराहों पर उनकी भिक्षावृत्ति में लिप्त पाये जाने और वृद्ध व्यक्तियों के भिक्षावृत्ति में लिप्त पाये जाने पर और उन्हें उनके घर पहुंचाया जा सके. अपने घर, परिजनों का पता नहीं बता सकने की स्थिति में उनके पते परिजनों का पता उनके अंगूठा निशानी और आंखों की पुतलियों की जांच कर आधार कार्ड के माध्यम से आसानी से लगाया जा सकता है. ऐसे लोगों को उनके निवास पता, परिजनों तक राज्य या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से सकुशल पहुंचाया जा सकता है. अभियान शुरू होने के बाद इसे 70 लोगों की पहचान कर ली गई है."
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की पहल:राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष हाई कोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी ने मानसिक मरीज, जो विभिन्न स्थानों जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन या सार्वजनिक स्थल पर घूमते हुए पाये जाते हैं. ये मानसिक मरीज कभी कभी दूसरे राज्यों से भी भटक कर छत्तीसगढ़ में आ जाते हैं. जिन्हें उपचार के लिए राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी, बिलासपुर में भर्ती कराया जाता है. वे इलाज के बाद ठीक हो जाते हैं. ऐसे लोगो का पुर्नवास हॉफ वे होम में रखा जाता है. ऐसे मरीजों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए प्रयास शुरू किया गया है.