बिलासपुर : कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत के सांसद प्रतिनिधि ने कोरबा के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार को लेकर सवालिया निशान खड़ा किया. जोन की आय के 80 फीसदी कोरबा से प्राप्त होने के बावजूद ट्रेनों का स्टॉपेज नहीं होना, छोटे स्टेशनों को सुविधा विहीन होने के साथ ही कई मुद्दों पर रेल अधिकारियों को घेरा.रेलवे के साथ सांसदों की बैठक हंगामेदार रही. विपक्षी सांसद प्रतिनिधियों ने बैठक में रेलवे के रवैए को लेकर जमकर नाराजगी जताई. बैठक में 12 सांसदों और सदस्यों में केवल तीन सांसद ही बैठक में शामिल हुए. बैठक में ट्रेनों के स्टॉपेज, लेटलतीफी, रेल ब्रिज, स्टेशन, प्लेटफार्म सहित यात्री समस्याओं और सुविधाओं को लेकर प्रतिनिधियों ने रेलवे अधिकारियों से सीधी बात की.
अफसर खुद ही लिख रहे प्रस्तावों पर टिप्पणी :बिलासपुर रेल मंडल में सांसदों और रेलवे अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी. बैठक में केवल तीन सांसद जांजगीर- चांपा, रायगढ़ और शहडोल के सांसद ही शामिल रहे. इसके अलावा अन्य सांसदों के प्रतिनिधि बैठक में सांसदों के मांगों और सुझावों के साथ पहुंचे. सांसदों के प्रस्ताव और सुझावों पर बिना चर्चा के ही रेलवे अधिकारियों ने टिप्पणी कर खानापूर्ति कर दी थी. इसे लेकर सांसद ज्योत्सना महंत के प्रतिनिधि हरीश परसाई ने सवाल खड़े किए.
सांसद प्रतिनिधि ने उठाए सवाल : कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल हुए हरीश परसाई ने बताया कि '' जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों को बिना रेलवे बोर्ड को भेजे रेल अधिकारी उसपर टिप्पणी कर रहे हैं. यात्रियों की मांगों और आवश्यकताओं को नजरंदाज कर रहे हैं. इसके साथ ही अन्य सांसदों और प्रतिनिधियों ने भी बैठक में मुख्य रूप से ट्रेनों के स्टॉपेज, ट्रेनों की लेटलतीफी, स्टेशन, प्लेटफॉर्म, रेल ब्रिज का विस्तार जैसे यात्री सुविधाओं और आवश्यकताओं को लेकर अपनी बात रखी.