पेंड्रा-गौरेला-मरवाही:छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी की समाधि स्थल की मिट्टी मंगलवार को अमरकंटक के अरंडी आश्रम में प्रवाहित की गई. अजीत जोगी ने अपनी अंतिम इच्छा उनकी कविता 'वसीयत' लिखी थी. जिसके अनुसार उनके निधन के बाद उन्हें इलाके की पवित्र नदियों नर्मदा, सोन, अरपा, बांधा, पीड़ा, में प्रवावित करने के साथ-साथ वनों के बीच छोड़ देना लिखा हुआ था.
उनके बेटे अमित जोगी ने मंगलवार दोपहर उनकी समाधि स्थल की मिट्टी नदियों में प्रवाहित की. इस दौरान उनकी माता रेणु जोगी और परिवार के सदस्य, लोरमी विधायक धरमजीत सिंह, बलौदा बाजार विधायक प्रमोद शर्मा सहित पेंड्रा, गौरेला, मरवाही के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे.
अमित जोगी और परिवार के सदस्य गौरेला के पावर हाउस स्थित समाधि स्थल पहुंच कर वहां से मिट्टी को कलश में एकत्र किए. जिसके बाद माटी कलश यात्रा निकाली गई. अजीत जोगी की इच्छा के अनुसार सबसे पहले मिट्टी को अमरकंटक स्थित अरंडी संगम लाया गया और पूजा-अर्चना के बाद मां नर्मदा में प्रवाहित किया गया. इसके बाद सोनमुड़ा स्थित सोन नदी में सभी एक साथ पहुंचे और सोन नदी में मिट्टी प्रवाहित की गई.