बिलासपुर :South East Central Railway की सबसे बड़ी योजना बिलासपुर में शुरू की जा रही है. इस योजना के तहत तकरीबन 330 करोड़ की लागत से फ्लाईओवर बनाया जा रहा है. बिलासपुर स्टेशन से Uslapur Railway Station के बीच बन रहे इस फ्लाईओवर से रेलवे को काफी लाभ होगा.
SECR जोन का सबसे लंबा फ्लाईओवर: Bilaspur Station से कटनी की ओर जाने वाली यात्री ट्रेनों को आसानी से बिलासपुर रेलवे स्टेशन से उसलापुर पहुंचाया जा सकेगा. अब तक उसलापुर से बिलासपुर रेलवे स्टेशन तक पहुंचने में यात्री ट्रेनों को सिग्नल के इंतजार में लगभग 1 घंटे का समय लगता है. लेकिन फ्लाईओवर बनने से इस समय की बचत होगी. क्रॉसिंग और सिग्नल मिलने में होने वाली देरी से बचा जा सकेगा. आउटर पर ट्रेनों को घंटों सिग्नल मिलने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. सीधे ट्रेन बिलासपुर से उसलापुर और उसलापुर से बिलासपुर स्टेशन पहुंचेगी.
2005 के रेलवे बजट में मिली थी मंजूरी.Bilaspur Station का उपस्टेशन Uslapur Railway Station है. कटनी लाइन की गाड़ियों को बिलासपुर तक लाने में उसलापुर और बिलासपुर स्टेशन के बीच 4-5 क्रॉसिंग होना, इसके अलावा माल गाड़ियों का स्टेशन में खड़े होने की वजह से यात्री ट्रेनों को आउटर में खड़े रखने की मजबूरी थी. इस समस्या को देखते हुए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों ने फ्लाईओवर की योजना तैयार कर रेल मंत्रालय को भेजा था. रेल मंत्रालय ने 2005 के रेलवे बजट में इस फ्लाईओवर की मंजूरी दी थी. मंजूरी के बाद इसका निर्माण अब शुरू हो पाया है.
कितना बढ़ गया है फ्लाईओवर का बजट :रेल मंत्रालय (ministry of railways) ने 2005 के रेल बजट में साढ़े 10 किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर की मंजूरी दी थी. इसकी निर्माण लागत 35 करोड़ थी. जमीन अधिग्रहण और कई अड़चनों की वजह से इसमें देरी होती चली गई. देरी होने की वजह से धीरे धीरे बजट बढ़ता गया. अब बजट करीब 360 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है.
आखिर क्यों बनाया जा रहा है फ्लाईओवर :दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे 4 राज्यों में फैला हुआ है. इन चार राज्यों में सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ में कोयला निकाला जाता है. इसके अलावा महाराष्ट्र के कुछ हिस्से और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों सहित ओडिशा से भी कोयले की आवक होती है. लदान में देश में सालों तक नंबर वन रहे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने लदान को लेकर काफी अवार्ड भी जीते हैं. यहां कोयला वाली माल गाड़ियां बड़ी संख्या में चलती हैं. रोजाना लगभग 160 कोयला गाड़ी चलाई जाती है. इनके जरिए शहडोल क्षेत्र से और कोरबा क्षेत्र से निकलने वाले कोयले को अन्य राज्यों में पहुंचाया जाता है. फ्लाईओवर बनने से माल लदान में कम समय में कोयला गाड़ियों को पास किया जा सकेगा. यात्री ट्रेनों को भी आसानी से उसलापुर से बिलासपुर स्टेशन तक पास किया जाएगा. flyover of SECR zone to be built in bilaspur