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तखतपुर: ये श्रमिक नहीं जानते क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस - श्रमिक कार्ड

तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण श्रमिक परिवार को नहीं पता क्या होता है मजदूर दिवस.

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Published : May 1, 2019, 7:41 PM IST

तखतपुर: ईटीवी भारत की टीम ने मजदूर दिवस के असवसर पर ग्रामीण इलाकों का दौरा कर मजदूरों से किया. इस दौरान जानकारी लगी की मजदूरों को न तो यह पता है कि मजदूर दिवस क्या होता है और न ही इस बात की जानकारी है कि श्रमिक कार्ड से क्या फायदा मिलता और ये कहा बनता है.

मजदूरों को नहीं मिल रहा श्रमिक कार्ड का फायदा


सरकारी सुविधाओं का नहीं मिल रहा फायदा
मिली जानकारी के मुताबिक तखतपुर जनपद की ग्राम पंचायत करनकापा, परसाकापा के ग्राम करनकापा, चुलघट, खम्हरिया, लोधीपारा के मजदूर परिवार ने बताया उन्हें अबतक सरकारी सुविधाओं का फायदा नहीं मिला है.


नहीं मिला मनरेगा का फायदा
ग्रामीण परिवार मनरेगा में काम कर जीवन यापन करते हैं, लेकिन उन्हें समय से मजदूरी का भुगतान नहीं मिलता. इन लोगों को 100 से 150 दिन के बाद मजदूरी मिलती है, जिसकी वजह से उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों की पूर्ति करने से लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.


सरकार ने बंद किए श्रमिक कार्ड
तखतपुर श्रम अधिकारी ने बताया कि तखतपुर क्षेत्र में श्रमिक कार्ड धारकों की संख्या में 15 से 20 संगठित और 25 से 30 हजार असंगठित मजदूरों के श्रमिक कार्ड बनाए गए हैं, जिसके लाभ को वर्तमान में सरकार की ओर से बंद कर दिया गया है.


श्रमिक कार्ड के नाम पर वसूली
मजदूरों ने बताया कि तखतपुर विधानसभा में श्रमिक कार्ड के नाम पर उनके 300 से 1200 तक राशि वसूल की गई है.


बीओसी ने दी ये जानकारी
तखतपुर नगर बीओसी बी नर्मलकर ने बताया कि तखतपुर नगर में 10 हजार बीओसी और 7 हजार 500 नान बीओसी है. बिलासपुर जिला में लगभग 3लाख 50 हजार श्रमिक कार्ड धारकों की संख्या है.

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