बिलासपुर : चुनाव खर्च में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण महंगाई को माना जा रहा है. 20 साल में तीन गुना महंगाई बढ़ी है और यही कारण है कि प्रत्याशियों का चुनावी खर्च बढ़ चुका है. आयोग भी निर्धारित खर्चा बढ़ा रहा है. चुनाव में प्रत्याशियों को ज्यादा प्रचार प्रसार करने का मौका मिलता है. आयोग की मंशा है कि चुनाव प्रचार और प्रत्याशी बिना किसी परेशानी के चुनाव संपन्न करा सके.
महंगाई के कारण खर्च की सीमा बढ़ी :दो दशक पहले एक प्रत्याशी को विधानसभा चुनाव के दौरान कम खर्च करने होते थे लेकिन यह सीमा लगातार बढ़ रहा है. अब ये आंकड़ा 40 लाख रुपए तक पहुंच गया है. छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद 2003 में पहला चुनाव हुआ था. तब प्रत्याशियों के लिए चुनावी खर्च की सीमा 14 लाख रुपए थी. बीते दो दशकों में यह सीमा तीन गुना बढ़ाई गई है. चुनाव में बेतहाशा खर्च को रोकने के लिए आयोग हिसाब किताब रख रहा है.अत्यधिक खर्च होने पर चुनाव खतरे में पड़ जाता है. लेकिन आयोग खुद ही खर्चों में बढ़ोतरी कर रहा है.