छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

बिलासपुर: तीस साल से झोपड़ी बनाकर रह रहे आदिवासी परिवार का आशियाना टूटा, कलेक्टर से लगाई मदद की गुहार - bilaspur corona virus update

बिलासपुर के केंदा गांव में तीस साल से झोपड़ी बनाकर रह रहे आदिवासी परिवार ने सरपंच और गांव के महिला समूह पर झोपड़ी तोड़ने का आरोप लगाया है. झोपड़ी टूटने के बाद से यह परिवार पेड़ों के नीचे तंबू बनाकर रह रहा था, लेकिन अब वन विभाग के अफसरों ने इस परिवार को वहां से खदेड़ दिया है, जिसके बाद से परिवार के सदस्य 70 किलोमीटर का सफर कर बिलासपुर पहुंचे और कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई.

kenda-tribal-family-pleaded-from-collector-for-home-in-bilaspur
आदिवासी परिवार का आशियाना टूटा

By

Published : Sep 16, 2020, 5:37 PM IST

Updated : Sep 16, 2020, 6:23 PM IST

बिलासपुर: कोरोना संक्रमण के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान केंदा गांव में सालों से झोपड़ी बनाकर रह रहे आदिवासी परिवार सहित दर्जनों परिवारों के घरों को तोड़ दिया गया है. सरपंच और गांव के महिला समूह पर आदिवासियों के घरौंदे को तोड़ने का आरोप लगा है. फिलहाल घरों में रहने वाले दो दर्जन से ज्यादा परिवार अपने मासूम बच्चों के साथ पेड़ों के नीचे तंबू बनाकर रह रहे थे, लेकिन वन विभाग ने उन्हें वहां से खदेड़ दिया है. केंदा गांव के आदिवासियों ने आसरे की उम्मीद लगाए 70 किलोमीटर का सफर किया और बिलासपुर पहुंचकर कलेक्टर से गुहार लगाई.

आदिवासी परिवार का आशियाना टूटा

तीस साल से झोपड़ी बनाकर रह रहे परिवार

रतनपुर क्षेत्र के केंदा जंगल में लगभग तीस साल से कई परिवार झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं. वहीं आए हुए लोगों से जानकारी मिली की शासन की योजना गौठान बनाने के चलते इन परिवारों से उनका आशियाना छीन लिया गया है. ऐसा नहीं की गौठान इन गरीबों की झोपड़ी को तोड़कर बनाना था, बल्कि गौठान के लिए अन्य जमीन प्रस्तावित है, लेकिन दबंगों और राजनीतिक लफड़े में न पड़कर सरपंच ने गौठान की जगह बदल दी.

पढ़ें-कवर्धा: कोविड मरीजों को डिप्रेशन से बचाने किया जा रहा मोटिवेट, जिला प्रशासन ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर


ग्रामीण पहुंचे कलेक्ट्रेट

इन आदिवासी परिवारों के मकान तोड़कर बेघर कर दिया गया है. इतना ही नहीं जब बेघर हुए परिवार पेड़ों के नीचे तंम्बू बनाकर रह रहे तो, वन विभाग ने उन्हें बिना कोई वैकल्पिक व्यवस्था के खदेड़ दिया. मामले में केंदा गांव से पीड़ित परिवार की महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कलेक्टर से शिकायत करने पहुंची. इस दौरान कलेक्टर मीटिंग में थे, लिहाजा ग्रामीणों की मिलने की जिद थी. वहीं भूखे-प्यासे बिलासपुर पहुंचे लोगों को विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दल के सदस्यों ने भोजन कराया.

आदिवासी परिवार

कलेक्टर ने एसडीएम को लगाई फटकार

मीटिंग से निकलते ही कलेक्टर की गाड़ी को ग्रामीणों ने घेर लिया और अपनी आप बीती सुनाई. जिसपर कलेक्टर ने पीड़ितों के सामने एसडीएम को जमकर फटकार लगाई. वहीं ग्रामीण कलेक्टर से गांव के सरपंच, समूह और वन विभाग की कार्रवाई को लेकर शिकायत करते बताया की ऐसे समय में बिना नोटिस दिए उनकी झोपड़ियों को तोड़कर उन्हें बेघर और बेसहारा कर दिया है.

Last Updated : Sep 16, 2020, 6:23 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details