बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की अनुशंसा पर राज्य के विधि विभाग ने जशपुर के एडीजे को बर्खास्त कर दिया है. एडीजी के रायपुर में अतिरिक्त जिलाधीश रहते उनके खिलाफ गुमनाम चिट्टी लिखकर शिकायत की गई थी. इस शिकायत पर हाईकोर्ट की स्टैंडिंग कमेटी ने फैसला लेते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया था. जिसके बाद वे हाईकोर्ट की शरण में गए थे. इस दौरान हाईकोर्ट ने उनकी बर्खास्तगी के फैसले को बदल कर उन्हें सभी पद के साथ लाभ वापस मुहैया कराने का फैसला दिया था.
हाईकोर्ट की फुलबेंच ने बर्खास्तगी की अनुशंसा की: बीते तीन मार्च को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की फुल बेंच ने छत्तीसगढ़ विधि विभाग को एडीजे गणेश राम बर्मन को बर्खास्त करने की अनुशंसा कर दी. हाईकोर्ट की सिफारिश पर छत्तीसगढ़ विधि विभाग ने शनिवार को जशपुर के एडीजे जीआर बर्मन को बर्खास्त करने का आदेश पारित कर दिया है.इसके पहले भी उनकी बर्खास्तगी हुई थी. जिसपर वह छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की शरण मे गए थे.
जीआर बर्मन को रायपुर में एडीजे के पद पर नियुक्त किया गया था. प्रोबेशन पीरियड के दौरान उसके और दो अन्य न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ एक गुमनाम शिकायत मिली थी. स्पष्टीकरण के निर्देष पर उन्होंने स्पष्टीकरण प्रस्तुत भी किया. लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी सेवा समाप्त कर दी. एडीजे ने याचिका दायर कर कहा था कि बर्खास्तगी की सजा को देखते हुए कम्प्लीट डिपार्टमेन्टल जांच का पालन करना चाहिए था. हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच के आदेश को यथावत रखते हुए कहा था कि हाईकोर्ट चाहे तो मामले के परीक्षण के बाद प्रोवेशन पर उचित निर्णय ले सकता है."
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दो महीने के कार्यकाल के बाद फिर कर दिया गया बर्खास्त: एडीजे गणेश राम बर्मन की पहली नियुक्ति 2017 में हुई थी. दो माह में ही प्रोबेशन पीरियड में उन्हें चिट्टी में मिली शिकायत के आधार पर बर्खास्त कर दिया गया था. बर्खास्तगी के खिलाफ जीआर बर्मन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. कोर्ट ने पहली अपील पर उनके पक्ष में फैसला सुनाया. लेकिन तीन मार्च को हाईकोर्ट की फुल बेंच ने उनके खिलाफ अनुशंसा कर दी. इस सिफारिश पर अब एडीजे गणेश राम बर्मन पर कार्रवाई हुई है.