बिलासपुर: साल 2019 गुजर रहा है.शहर नए साल के स्वागत के लिए तैयार है. पूरे साल जिले में कुछ अच्छी घटनाएं हुई तो वही कुछ हादसों ने शहरवासियों को झकझोर कर रख दिया. बिलासपुर शहर में 2019 में बीती कुछ खट्टी-मीठी यादें ETV भारत आपके लिए लेकर आया है.
बिलासपुर की वो खबरें जिसने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया सिम्स अस्पताल में आग
साल के शुरुआत में ही एक ऐसी घटना हुई जिसने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया. 22 जनवरी का वो दिन बिलासपुरवासी कभी नहीं भूल पाएंगे जब अस्पताल में लगी आग ने 5 नवजात शिशुओं की जान ले ली थी. बिलासपुर के सिम्स अस्पताल के आर्थोपेडिक ओपीडी में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लग गई थी. इस आग का धुंआ शिशु गहन चिकित्सा कक्ष तक पहुंच गया,जिससे 5 मासूमों की मौत हो गई.
मिट्टी धसने से मजदूर की मौत
इस घटना को एक महीने ही हुए थे तभी मिट्टी खुदाई के दौरान गड्ढे में दबने से एक मजदूर की मौत हो गई. अशोक नगर में मजदूर अमृत मिशन योजना के तहत पाइप लाइन का काम चल रहा था, तभी मिट्टी धसने से एक मजदूर की जान चली गई.
खाक हुए पंचायत के दस्तावेज
शहर में हुई एक और आगजनी की घटना ने सरकार पर कई सवाल खड़े कर दिए.अभी सिम्स में हुए हादसे से लोग उबर ही पाए थे कि 5 मई को जिला पंचायत भवन में लगी आग ने सभी जरुरी दस्तावेजों को खाक कर दिया.
शहर को मिला B ग्रेड का दर्जा
हादसों के बाद बिलासपुर के लिए एक खुशखबरी भी आई. जिले को अब B ग्रेड का दर्जा मिल गया. निगम के 66 वार्डों से बढ़कर बिलासपुर 70 वार्डों वाला शहर बन गया.वही निगम में 15 गांवों को भी शामिल किया गया.
पेंड्रा बना नया जिला
जिले के अंतर्गत आने वाले पेंड्रा, गौरेला,मरवाही को स्वतंत्र कर दिया गया. 15 अगस्त को सूबे के मुखिया ने बिलासपुर की सीमा से जुड़े इन क्षेत्रों को अलग जिला बनाने की घोषणा कर दी. जिसके बाद से ही इस क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई.
अमित जोगी की गिरफ्तारी
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी की गिरफ्तारी ने प्रदेश के सियासी गलियारों में हलचल मचा दी थी.2013 के विधानसभा चुनाव के समय जूनियर जोगी ने जन्म स्थान और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी आयोग को गलत दी थी. मरवाही से बीजेपी के समीरा पैकरा की शिकायत पर ये कार्रवाई की गई थी.
नहीं रहे दिल्लीवाले साहब
बैगा आदिवासी के मसीहा कहे जाने वाले दिल्लीवाले साहब ने दुनिया को अलविदा कह दिया. लंबे समय से बीमार चल रहे प्रोफेसर पीडी खेरा का निधन हो गया. लमनी के टाइगर रिजर्व एरिया में रहने वाले बैगा आदिवासियों के कल्याण में दिल्लीवाले साहब ने अपनी जिंदगी झोंक दी थी. गांधीवादी विचारधारा से प्रेरित खेरा साहब ने 23 सितंबर को अंतिम सांस ली.
बड़ा क्रेन हादसा
साल के अंत में एक बड़े क्रेन हादसे ने ट्रेन के पहिए कुछ दिनों के लिए रोक दिए थे. 13 नवंबर को चुचुहियापारा रेलवे फाटक के पास निर्माणाधीन अंडरब्रिज पर मिट्टी के धंसने से 200 टन वजनी क्रेन रेल की पटरी पर जा गिरा, जिसकी चपेट में आए 9 लोगों को इलाज के बाद बचा लिया गया. इस हादसे को रेलवे प्रबंधन की बड़ी लापरवाही के रूप में देखा गया.