बिलासपुर :राज्य प्रशासनिक सेवा (state administrative service) के सात अधिकारियों के मामले में केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) द्वारा नए सिरे से डीपीसी कराने के निर्देश पर हाई कोर्ट (High Court) ने आगामी आदेश रोक लगा दी है. बता दें कि वर्ष 2003 में आयोजित छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (Chhattisgarh Public Service Commission) में चयनित सात प्रतियोगियों को राज्य प्रशासनिक सेवा के तहत डिप्टी कलेक्टर बनाया गया था. आयोग की यह परीक्षा विवादों से घिरी रही और अनियमितता के आरोप लगे. यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
सातों अफसरों की पदोन्नति को हीना नेताम ने कैट में दी थी चुनौती
इस बीच वर्ष 2020 में राज्य शासन ने विभागीय पदोन्नति समिति की अनुशंसा के बाद सभी सात अफसरों को आईएएस अवार्ड किया. उनकी पदोन्नति को हीना नेताम ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) में चुनौती दी. कैट ने राज्य लोक सेवा आयोग को इन पदों के लिए दोबारा डीपीसी कराने का आदेश दिया. कैट के आदेश को चुनौती देते हुए आईएएस अवार्डेड अफसरों ने अधिवक्ता सौरभ साहू के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी. इसमें कैट के आदेश को अवैधानिक बताते हुए निरस्त करने का आग्रह किया गया है. प्रकरण की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रशांत मिश्रा व जस्टिस रजनी दुबे की युगलपीठ में हुई.