बिलासपुर:छत्तीसगढ़ में हाथियों की मौत के मामले में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने मंगलवार (आज) सुनवाई करते हुए राज्य शासन और बिजली विभाग को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब मांगा है.
हाथियों की मौत मामले में पूर्व आईएफएस अधिकारी अनूप भल्ला ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. अपनी याचिका में अनूप भल्ला ने कहा है कि लोगों का जंगलों पर धीरे-धीरे कब्जा हो रहा है, जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ में एलीफेंट कॉरिडोर खत्म हो रहे हैं और इसी वजह से हाथियों और इंसानों के बीच आए दिन टकराव हो रहे हैं.
एलीफेंट कॉरिडोर नहीं होने से बढ़ी घटनाएं
अनूप भल्ला ने अपनी याचिका में लिखा है कि एलीफेंट कॉरिडोर खत्म होने के कारण पिछले 10 सालों में लगभग 170 से ज्यादा हाथियों की मौत हो चुकी है. साथ ही हाथियों के आतंक से 300 से ज्यादा इंसानों की मौत हो चुकी है. उन्होंने अपनी याचिका में बिजली विभाग को भी पक्षकार बनाया है. उन्होंने कहा कि बिजली के बेतरतीब तारों की वजह से भी हाथियों की कई बार मौतें हो रही है.
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एलीफेंट कॉरीडोर का प्रस्ताव
छत्तीसगढ़ में हाथी से प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे करा कर राज्य सरकार को इन चिन्हांकित इलाकों को एलीफेंट कॉरीडोर में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भी भेजा गया. जिसका मामला लोकसभा और विधानसभा में लगातार गूंजता रहा, लेकिन इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और लगातार हाथियों का मूवमेंट रहवासी इलाकों में जारी है. इस प्रस्तावित एलीफेंट कॉरीडोर में 4 वनमंडल के 12 रेंज शामिल किए गए थे, जिनमें धरमजयगढ़, कोरबा, कटघोरा और सरगुजा क्षेत्र शामिल है. बीते 2 महीने में छत्तीसगढ़ में 7 हाथियों के शव मिला है. इनमें से 3 सूरजपुर के प्रतापपुर, एक बलरामपुर के जंगल में, एक धमतरी और दो धरमजयगढ़ में मिला है.
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7 हाथियों की मौत
- 11 मई को सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में एक हथिनी का शव मिला था. शव पूरी तरह से सड़ चुका था. वन विभाग के मुताबिक शव 40 दिन पुराना था.
- सूरजपुर के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में 9 और 10 जून को एक गर्भवती हथिनी सहित 2 मादा हाथियों की मौत हुई.
- बलरामपुर के जंगल में 11 जून को एक हाथिनी की मौत.
- धमतरी में माडमसिल्ली के जंगल में कीचड़ में फंसने से 15 जून को एक हाथी के बच्चे की मौत.
- रायगढ़ के धरमजयगढ़ में 16 और 18 जून को 2 हाथियों की मौत.