बिलासपुर: पूरे मामले की सुनवाई में कोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण को रोकने के साथ ही लोगों को हो रही परेशानियों को देखते हुए कलेक्टर एसपी को जवाब सही देने और उसका पालन करने के निर्देश दिए. छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने रायपुर में बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण के मामले हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी. शुक्रवार जस्टिश पी सैम कोशी और जस्टिश पार्थ प्रतिमा साहू की कोर्ट में रायपुर कलेक्टर सर्वेश्वर भूरे और एसपी प्रशांत अग्रवाल के सवाब से कोर्ट संतुष्ट नही हुआ. कलेक्टर एसपी के लिए लगाए गए अवमानना याचिका में कोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण को बड़ी समस्या बताई है. सपथ पत्र दोबारा प्रस्तुत करने कोर्ट ने दो सप्ताह का समय दिया है. दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी.
Chhattisgarh High Court: ध्वनि प्रदूषण मामले में दोबारा शपथ पत्र देने का आदेश - Chhattisgarh High Court
रायपुर में हो रहे लगातार ध्वनि प्रदूषण मामले में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई की. इससे पहले दायर की गई याचिका में हुई सुनवाई में कलेक्टर और एसपी को शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने कोर्ट ने निर्देशित किया था. शुक्रवार को कलेक्टर और एसपी के जवाब को लेकर कोर्ट ने असंतुष्टि जताई और कहा कि दोबारा शपथ पत्र देकर जवाब प्रस्तुत करें.
अवमानना याचिका में कही गई ये बात:अवमानना याचिकाकर्ता डॉ राकेश गुप्ता ने याचिका में बताया है कि "रायपुर एसपी, कलेक्टर कोर्ट के आदेश की अवमानना कर रहे है. डीजे वाले वाहनों से साउंड बॉक्स, स्पीकर जप्त नहीं कर रहे हैं, जिससे डीजे की आवाज से जनता को काफी परेशानी हो रही है. कलेक्टर, एसपी के खिलाफ कोर्ट में दूसरी बार अवमानना याचिका दायर की गई है. पहले याचिका में कलेक्टर और एसपी ने शपथ पत्र दिया था कि वह कोर्ट के आदेश का भावना अनुरूप, सशब्द पालन करेंगे, लेकिन स्थिति यह है कि कोर्ट के आदेश का पालन करने का शपत पत्र देने के बावजूद और पहली अवमाना याचिका के निराकृत होने के बाद 1 अप्रैल 2022 से 23 सितम्बर तक 42 मामलों में कार्यवाही की गई जिसमें से 24 मामले में एक हजार फाइन, दो में दो-दो हजार रुपए और एक में पांच सौ लेकर छोड़ दिए गए."