बिलासपुर: ओटीटी(OTT), सोशल मीडिया (social media) पर शराब (Liquor) और तंबाकू के विज्ञापन (tobacco advertisements)और अश्लीलता (obscenity) के खिलाफ दायर जनहित याचिका (Public interest litigation) पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (Central Board of Film Certification)ने जवाब प्रस्तुत किया है. सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से शराब और तम्बाकू के विज्ञापन (advertisement) को लेकर हाइकोर्ट में लगी याचिका में सुनवाई हुई. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड का कहना है कि ओटीटी और सोशल मीडिया उसके माध्यम से शासित नहीं होते. उसके द्वारा सिर्फ फिल्मों, लघु फिल्म, वृत्तचित्र आदि को प्रमाणपत्र दिया जाता है.
नशीले पेय और सामग्रियों में अश्लील विज्ञापन के मुद्दे पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई - विज्ञापन
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) में नशीले पेय और नशे के सामान (intoxicants) में अश्लील विज्ञापन (porn ads) के मुद्दे पर सुनवाई हुई. इस मसले पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (Central Board of Film Certification) ने जवाब प्रस्तुत किया है.
बेमेतरा महिलाओं के लिए असुरक्षित, नहीं थम रहे रेप और अनाचार के मामले
मामले में केंद्र सरकार सहित अन्य प्रतिवादियों का जवाब नहीं मिला है. प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय ,सूचना और प्रसारण मंत्रालय और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब देने कहा था. प्रकरण में सिर्फ केंद्रीय फ़िल्म प्रमाणन बोर्ड का जवाब मिला है. केंद्र की ओर से जवाब प्रस्तुत करने के लिए लगातार समय लिया जा रहा है. कोर्ट ने 3 सप्ताह बाद मामले की अगली सुनवाई तय की है. प्रदेश चैम्बर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष रामावतार अग्रवाल (State Chamber of Commerce President Ramavatar Agrawal) ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सोशल मीडिया और ओटीटी पर नशे के विज्ञापनों में अश्लील सामग्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.