बिलासपुर: धान उठाने को लेकर लगाई गई साख समितियों की याचिका को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए निराकृत कर दिया है.
बता दें कि मुंगेली की साख समितियों ने धान ना उठाए जाने को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि नियम अनुसार शासन के 72 घंटों के भीतर धान उठाने का प्रावधान है, लेकिन सरकार ने अवधि बीत जाने के बाद भी धान नहीं उठाया, जिसकी वजह से ये खुले में रहने के कारण सड़ रहा है.
साख समितियों की याचिका निराकृत नियम के अनुसार साख समिति भी उठा सकती है धान
दूसरी ओर मामले पर सुनवाई के दौरान शासन की ओर से कहा गया कि नियम यह भी कहता है कि अगर 72 घंटे के भीतर अगर साख समिति से धान नहीं उठाया जाता है, तो साख समितियां खुद का परिवहन इस्तेमाल कर धान को निकटतम स्टोरेज केंद्र में भेजेगी.
खुद के परिवहन का करें इस्तेमाल: हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को खुद के परिवहन का इस्तेमाल कर धान को निकटतम स्टोरेज केंद्र में भेजने का आदेश जारी किया है. हाईकोर्ट ने साख समितियों को लेकर अपने आदेश में कहा है कि परिवहन का खर्च सरकार और साख समितियों के बीच में अनुबंध के अनुसार होगा. इसके बाद भी अगर मतभेद की स्थिति बनती है, तो अनुबंध के अनुसार ही उसका समाधान किया जाए.
मामले पर आदेश जारी करने के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाओं को निराकृत कर दिया. पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस पी सैम कोशी की सिंगल बेंच में की गई.