बिलासपुर:पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेहद करीबी माने जाने वाले ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) का साथ छोड़ दिया. ज्ञानेंद्र को अजीत जोगी के काफी करीबी माना जाता रहा है. इससे पहले वो अजीत जोगी के विधायक प्रतिनिधि रह चुके हैं. ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने कांग्रेस के गिरीश देवांगन के समक्ष कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस में प्रवेश के बाद ज्ञानेद्र की मुलाकात CM भूपेश बघेल से भी हुई. मुलाकात के दौरान ली गई फोटो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही है.
ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने JCC(J) छोड़ कांग्रेस का थामा दामन ज्ञानेद्र उपाध्याय के कांग्रेस में प्रवेश की खबर लगते ही गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला कांग्रेस कमेटी में खलबली मच गई. आनन-फानन में हुई बैठक में कई पदाधिकारियों ने कांग्रेस से इस्तीफे की पेशकश कर दी है. सभी का कहना है कि ज्ञानेद्र उपाध्याय के कांग्रेस में आने से कांग्रेस को घाटा हो सकता है. इसका खामियाजा जिले की कांग्रेस को उठाना पड़ेगा. इसके साथ ही कुछ कांग्रेस पदाधिकारियों ने इस फैसले स्वागत किया है. जिसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और दो बार युवक कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके उत्तम वासुदेव शामिल है.
जोगी के करीबी थे ज्ञानेंद्र
ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने अजीत जोगी के दशगात्र के दूसरे ही दिन पार्टी से नाता तोड़कर कांग्रेस प्रवेश कर लिया. मरवाही विधायक जेसीसी(जे) सुप्रीमो अजीत जोगी के निधन के बाद अजीत जोगी के खास ज्ञानेंद्र उपाध्याय JCCJ में एक बड़ा नाम है. जब अजीत जोगी मुख्यमंत्री हुआ करते थे तब उनके मुख्य सलाहकारों और राजनीतिक मामलों में कार्यों के लिए ज्ञानेंद्र उपाध्याय का नाम शामिल था. JCCJ के फाउंडर सदस्य थे. जिसे पार्टी के लिए बड़े नुकसान के रूप में देखा जा रहा है.
जिला कांग्रेस कमेटी ने लिखा पत्र
जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के अलावा विभिन्न प्रकोष्ठ दो के पदाधिकारियों ने मिलकर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मोहन मरकाम के नाम संयुक्त रूप से अलग-अलग पत्र लिखे हैं. मामले पर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष का कहना है कि जैसे ही सोशल मीडिया के माध्यम से कार्यकर्ताओं को जानकारी लगी सभी ने इस्तीफा दे दिया है.
जिला कांग्रेस कमेटी ने लिखे पत्र वहीं मामले पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और पूर्व युवक कांग्रेस अध्यक्ष उत्तम वासुदेव ज्ञानेंद्र उपाध्याय के साथ नजर आए उनका कहना है कि मैं प्रदेश कांग्रेस और शीर्ष नेतृत्व के निर्णय के साथ हूं. ज्ञानेंद्र उपाध्याय के आने से निश्चय ही पार्टी को फायदा होगा. अजीत जोगी के निधन के साथ ही मरवाही सीट खाली हो गई है. कुछ दिनों में यहां उपचुनाव होना भी तय है. ऐसे स्थानीय कांग्रेसियों का आपस में इस तरह के घमासान कांग्रेस के लिए परेशानी पैदा कर सकता है.