बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में एक दिसंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी पर बारिश के पानी की मार पड़ी है. बारदाने की कमी की तलवार भी लटकी है. बिलासपुर जिले के मोपका धान संग्रहण केंद्र समेत कई सेंटर में बड़ी समस्या है पुराना और सड़ा धान. ये सड़ा धान, खरीदी केंद्रों में सरकार की पूरी तैयारियों के दावे की पोल खोल रहा है.
जिले के मोपका समेत तमाम धान संग्रहण केंद्रों से पुराने धान का उठाव अबतक नहीं हो पाया है. अकेले मोपका केंद्र में ही 1 लाख 75 हजार क्विंटल धान का उठाव नहीं हो पाया है. केन्द्र प्रभारी ने बताया कि कम उठाव की समस्या डिलीवरी ऑर्डर कम करने के कारण हो रही है.
एक नजर तैयारियों और इंतजामों पर
- जिले में कुल 1 लाख 36 हजार टन धान का उठाव संग्रहण केंद्रों से अबतक नहीं हो पाया है.
- जिले के मोपका, भरनी, सेमरताल, बिल्हा प्रमुख केंद्रों के अलावा कुल 124 केंद्रों में धान खरीदी की जाएगी.
- इस बार 6 नए केंद्र बनाए गए हैं.
- बिलासपुर जिले के लिए इस बार 1 लाख 5 हजार 535 किसानों का पंजीयन किया गया है.
- पिछले बार के मुकाबले इस बार 9 हजार से ज्यादा किसानों का पंजीयन हुआ है.
- जिले में इस बार करीब 47 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य बनाया गया है.
- जिले में केंद्रों पर 456 चबूतरे का निर्माण किया गया है.
- राशन दुकानों से शत-प्रतिशत बारदाना इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है.
- धान की अवैध आवक रोकने के लिए जिला प्रशासन ने उड़नदस्ता टीम का गठन किया है.
- विकासखंड मस्तूरी, कोटा, तखतपुर, बिल्हा दलों को निर्देश दिया गया है कि धान की आवक अन्य प्रदेशों से नहीं होनी चाहिए.
धान सड़ने की शिकायत