बिलासपुर:अंतरराष्ट्रीयग्रामीण महिला दिवस पर जिले के तखतपुर विधानसभा क्षेत्र की महिलाओं का विकास जानने कोशिश की गई और जनपद मुख्यालय के आस-पास गांव में जाकर देखा गया, तो अलग-अलग दृश्य देखने को मिले.
महामाया महिला स्व सहायता समूह, तखतपुर जिला मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत परसाकापा चुलघट के महिलाओं ने जिला मुख्यालय के कोनी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से फाइल बनाने और पेपर बैग बनाने का प्रशिक्षण लिया है. ETV भारत ने उनसे बात की और उनका हाल जाना.
'दिखावटी शोभा बनकर रह गया है प्रशिक्षण'
शासन-प्रशासन पेपर बैग निर्माण प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहन तो दे रहा है, लेकिन इसके लिए रोजगार उपलब्ध नहीं कराता. इस विषय में जब प्रशिक्षित महिलाओं से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि अब तक उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही है, जिसकी वजह से उनके लिए प्रशिक्षण प्रमाण पत्र मात्र एक दिखावटी शोभा बनकर रह गया है.
महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों ने बिना किसी सरकारी सहयोग से अपने खर्चे पर कागज के उत्पाद को बढ़ावा देने प्रचार-प्रसार और बिक्री केन्द्र का निर्धारण करने की अपील की है. कागज के अलग-अलग सामान जैसे पेपर बैग, पेपर फाइल (चार प्रकार) और पेपर दोना का निर्माण कार्य किया जा रहा है.
एक तरफ शासन-प्रशासन ने पेपर बैग निर्माण को लेकर गांव और शहर में प्रचार-प्रसार किए, तो वहीं अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस के अवसर पर असुविधा और कमी की बातें सामने आना अभाव की निशानी को झलकाता है.
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भागवत गीता का पाठ सुनते नजर आईं महिलाएं
तखतपुर जनपद अध्यक्ष नूरीता प्रदीप कौशिक के गृह ग्राम पंचायत करनकापा में महिलाएं भागवत गीता का पाठ सुनते नजर आईं. करनकापा गांव के जय लक्ष्मी स्व सहायता समूह और महिला मानस रामायण मंडली के फ्लैक्स और बैनर इस बात का संदेश देते हैं कि यहां महिला सशक्तिकरण और आर्थिक सुधार कार्य प्रगति पर है.