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सरकार के आदेश के बाद भी बिलासपुर में नहीं बंद हुआ है शासकीय एकलव्य स्कूल

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Published : Mar 17, 2020, 11:31 PM IST

पेंड्रा के एकलव्य आवासीय विद्यालय में लगातार स्कूल संचालित किए जा रहे हैं. मामले में संबंधित अधिकारी स्पष्ट निर्देश न होने का हवाला दे रहे हैं. जबकि जिला शिक्षा अधिकारी किसी भी तरह के स्कूल नहीं लगाने के निर्देश दिए हैं.

Government Eklavya school continues to operate in pendra
शासकीय एकलव्य स्कूल का संचालन जारी

बिलासपुर:कोरोना वायरस (COVID-19) को वैश्विक महामारी घोषित होने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी शासकीय-अशासकीय स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए हैं. लेकिन कई स्कूलों में सरकार के आदेश का पालन नहीं हो रहा है. पेंड्रा के एकलव्य आवासीय विद्यालय में लगातार स्कूल संचालित किए जा रहे हैं. वहीं मामले में संबंधित अधिकारी स्पष्ट निर्देश न होने का हवाला दे रहे हैं, जबकि जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि किसी भी तरह के स्कूल नहीं लगाए जा रहे हैं.

आदेश के बाद भी बिलासपुर में नहीं बंद हुआ है शासकीय एकलव्य स्कूल
जिले के सभी शिक्षण संस्थान बंद

तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के लेकर एहतियात बरतते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश की सभी शैक्षणिक संस्थानों जिसमें आंगनबाड़ी से लेकर प्राथमिक स्कूल, हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी और कॉलेज शामिल है, इसे बंद रखने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में मल्टीप्लेक्स, शॉपिंग सेंटर्स को भी बंद रखने को कहा गया है.

स्कूल पहुंच रहे हैं बच्चे

कोरोना को देखते हुए कई इलाकों में धारा-144 भी लागू कर की गई है. ताकि किसी भी प्रकार की सभा होने की दशा में लोग एक साथ एकत्रित न हों. इन सबके बावजूद पेंड्रा के एकलव्य आवासीय विद्यालय लाटा और मरवाही विकासखंड के एकलव्य आवासीय विद्यालय डोंगरिया में लगातार कक्षाएं संचालित हो रही है. यहां के प्राचार्य बच्चों को फोन करके स्कूल आने को कह रहे हैं. इसकी वजह से पालक असमंजस की स्थिति में बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं. इसके साथ ही बच्चे भी वायरस से इतने डरे हुए हैं कि स्कूल में भी मास्क लगाकर पढ़ाई कर रहे हैं.

छात्रावास हमारे नियंत्रण में नहीं: जिला शिक्षा अधिकारी

स्कूल हॉस्टल के अधीक्षक का कहना है कि, प्रिंसिपल ने निर्देश दिए हैं, इसलिए बच्चों को बुलाकर स्कूल संचालित कर रहे हैं. वहीं मामले में जिला शिक्षा अधिकारी का स्पष्ट रूप से कहना है कि शासन ने सभी शिक्षण संस्थानों के अलावा प्रशिक्षण संस्थान, जिसमें शारीरिक प्रशिक्षण शालाएं भी शामिल है, बिल्कुल बंद कर दी गई है. यहां तक कि शिक्षकों का भी स्कूल जाना बंद है, लेकिन आदिवासी विकास विभाग से संचालित छात्रावास हमारे नियंत्रण में नहीं है.

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