बिलासपुर : रायपुर में जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क को लेकर धरसींवा के पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल ने याचिका लगाई थी.जिस पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.हाईकोर्ट ने कृषि उपज मंडी की जमीन पर जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क निर्माण पर से लगी रोक हटा ली है. पूर्व विधायक ने कृषि उपज मंडी की जमीन जेम्स एंड ज्वैलरी पार्क को आवंटित करने के मामले में याचिका लगाई थी.
Gems And Jewelry Park In Raipur : रायपुर में जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क बनने का रास्ता साफ - कृषि उपज मंडी पर निर्माण की रोक हाईकोर्ट ने हटाई
Gems And Jewelry Park In Raipur रायपुर में जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क के निर्माण पर रोक लगाने की याचिका को हाईकोर्ट ने निराधार मानते हुए खारिज कर दिया है. जिसके बाद कृषि उपज मंडी रायपुर में सर्व सुविधायुक्त जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क बनाने का रास्ता साफ हो गया है. हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में 11 जून 2020 के आदेश को नियमों के खिलाफ बताते हुए कृषि उपज मंडी रायपुर में जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क निर्माण को चुनौती दी गई थी.
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कब का है मामला :छत्तीसगढ़सरकार ने साल 2020 में कृषि उपज मंडी की जमीन को जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क को आवंटित किया था. जिसके बाद पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल ने विरोध जताया. देवजी भाई पटेल ने कृषि उपज मंडी की जमीन आवंटन को रद्द करने की मांग की थी. मामला हाईकोर्ट पहुंचा और फैसले से पहले किसी भी निर्माण पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी. लेकिन कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद पूर्व में लगाई गई रोक को हटा लिया है. याचिका में बताया गया है कि कृषि उपज मंडी के लिए आरक्षित जमीन को राज्य शासन ने जेम्स एंड ज्वैलरी पार्क के लिए आवंटित कर दिया है. कृषि उपज मंडी ने अपने स्वयं के संसाधनों से उस जमीन को खरीदा है.
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क्या है शासन का पक्ष : इस मामले में शासन ने अपना पक्ष हाईकोर्ट में रखा.जिसमें बताया गया कि आवंटित कृषि उपज मंडी की भूमि छत्तीसगढ़ कृषि उपज अधिनियम 1972 और राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत की गई है. पूर्व में भी तत्कालीन भाजपा सरकार ने मंडी बोर्ड की भूमि को कई प्रयोजनों के लिए आवंटित किया था. जिसे याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका दाखिल करते समय छुपाया और कोर्ट के समक्ष पूरी जानकारी ना देते हुए स्टे ले लिया. वर्तमान स्थिति में कृषि उपज मंडी पांडातराई को ग्राम तुलसी में स्थानांतरित किया गया है.जिससे याचिकाकर्ता की याचिका ही निरस्त होने योग्य है. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पूर्व में जारी स्टे आदेश को हटाते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.