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बिलासपुर में 42 हजार फ्रंटलाइन वर्कर्स को नहीं लगा कोरोना का बूस्टर डोज - Bilaspur health department

बिलासपुर में 42 हजार फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना का बूस्टर डोज नहीं लगा है. स्वास्थ्य विभाग ने आईएमए के अध्यक्ष और दूसरे विभाग के अधिकारियों से मिलकर वैक्सिनेशन कराने की बात कही है. साथ ही वैक्सीनेशन में निजी अस्पताल भी सहयोग करें.

Bilaspur Hospital
बिलासपुर अस्पताल

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Published : Jul 4, 2022, 5:11 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना की चौथी लहर का खतरा मंडरा रहा है. इसक बादी भी हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन में काम करने वाले 42 हजार से भी ज्यादा कर्मचारियों को बूस्टर डोज नहीं लग पाया है. इन कर्मचारियों को बुस्टर डोज नहीं लगना समझ से परे हैं. स्वास्थ्य विभाग ने दो दिन पहले आईएमए के अध्यक्ष और दूसरे विभाग के अधिकारियों से मिलकर वैक्सिनेशन कराने की बात कही है.

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फ्रंट लाइन वर्कर्स को लगेगी बूस्टर डोज: बिलासपुर जिले में कोरोना वायरस एक बार फिर तेजी से पैर पसार रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की टीम फ्रंट लाइन में काम करने वाले और हेल्थ वर्कर को बूस्टर डोज लगाने की अपील की है. लगभग 42 हजार फ्रंट लाइन में काम करने वाले और हेल्थ वर्कर से हैं, जिन्हें बूस्टर डोज नहीं लगाए गए हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा खतरा इन्हें होता है.

निजी अस्पताल करें सहयोग: हेल्थ वर्करों को बूस्टर डोज लगवाने के लिए अस्पताल में ही वैक्सीन सेंटर बनाएं, क्योंकि जिले में 42 हजार हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर्स हैं. इनमें से 41 हजार 644 लोगों को करोना के दोनों डोज लग चुका है. अब इन्हें तीसरा डोज लगना है. कर्मचारियों को बुस्टर डोज में निजी अस्पताल सहयोग करें. इसके लिए उन्हें स्वास्थ्य विभाग निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराएगा क्योंकि शासन ने हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर के साथ ही 60 प्लस से अधिक उम्र वालों के लिए तीसरा डोज निशुल्क रखा है. सभी निजी अस्पताल संचालकों से चर्चा कर सहयोग करने की बात कही गई है.

फ्रंट लाइन वर्कर्स को लगेगी बूस्टर डोज

कर्मचारियों ने बूस्टर डोज लगवाने में नहीं दिखाई रुची: जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया कि " फ्रंटलाइन में काम करने वाली जिन 42,000 कर्मचारियों की बात कर रहे हैं, उनमें निजी अस्पतालों में काम करने वाले कर्मचारियों के अलावा पुलिस विभाग और शिक्षा विभाग के कर्मचारी शामिल हैं. इन कर्मचारियों ने पहला और दूसरा डोज लगवा लिया है. लेकिन बूस्टर डोज लगवाने को लेकर इन्होंने रुचि अब तक नहीं दिखाई है. रुचि नहीं दिखाने के मामले में भी इन कर्मचारियों को भ्रम है कि इन्हें बूस्टर डोज पैसे देकर लगवाने पड़ेंगे जबकि सरकार ने फ्रंटलाइन वर्कर के लिए बुस्टर डोज निशुल्क रखा है."

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