गौरेला-पेंड्रा-मरवाही:जिले में वर्मी कंपोस्ट की ठगी का मामला सामने आया है. यह एक एनजीओ पर वर्मी कंपोस्ट तैयार कर उसके पानी को खरीदने के नाम पर 4 हजार से 8 हजार प्रति व्यक्ति वसूली कर गायब होने का आरोप लगा है. वहीं, पीड़ित ग्रामीणों ने मामले की शिकायत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से की.
नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का मुंबई में भंडाफोड़, 13 गिरफ्तार
बिलासपुर से संचालित संस्था विविध शिक्षा प्रशिक्षण केंद्र के संचालकों तीन विकासखंडों पेंड्रा, गौरेला और मरवाही में ब्लॉक कोऑर्डिनेटर नियुक्त कर उनके माध्यम से विभिन्न गांव में अलग-अलग महिलाओं को जोड़ा गया. उन्हें 4,000 रुपए प्रतिमाह वेतन देने के साथ-साथ अपने घर की बाड़ी में एक यूनिट तैयार करने को कहा गया. जिसमें गोबर के साथ केंचुआ डालकर वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जाएगा. साथ ही उससे निकलने वाले पानी को संस्था 20 रुपये प्रति लीटर की दर से उनसे खरीदेगी.
वर्मी कंपोस्ट के नाम पर फर्जीवाड़ा इसके अलावा वर्मी कंपोस्ट भी बाजार में बेचा जाएगा. पैसा मिलने के बाद एनजीओ ने महिलाओं को एक दिन बिलासपुर बुलाकर ट्रेनिंग प्रोग्राम भी रखा. एक साल बीतने को है ना तो किसी को सैलरी मिली, न ही वर्मी कंपोस्ट या उससे तैयार किया गया खाद को किसी ने खरीदा. अब ठगी का शिकार होने के बाद महिलाओं एवं पुरुषों ने इसकी शिकायत पुलिस से की है.
धान खरीदी में फर्जीवाड़े पर पूर्व डाटा एंट्री ऑपरेटर के खिलाफ केस
कोऑर्डिनेटर ने भी बताया कि लगातार बात करने के बावजूद एनजीओ की ओर से कोई जवाब नहीं मिल रहा है. ना तो वह सामान ही खरीद रहे हैं और ना ही उस बारे में कोई जानकारी दे रहे हैं. यहां तक की नियुक्ति के बाद से आज तक एनजीओ की ओर से उसे भी एक रुपए का वेतन भी नहीं दिया गया. मामले की शिकायत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से की गई. पुलिस ने भी मामले पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. संबंधित एनजीओ के खिलाफ विधि सम्मत करते हुए रुपए वापस दिलाने की बात कही है.