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बिलासपुर में एजेंसी दिलाने के नाम पर बिजनेसमैन से लाखों का फ्रॉड - तारबाहर थाना क्षेत्र

Fraud In Bilaspur: बिलासपुर में एजेंसी दिलाने के नाम पर 65 लाख की ठगी का मामला दर्ज हुआ है. आरोपियों ने पीड़ित को अपने झांसे में लेने के लिए फर्जी बिल भी बनाया था.

fraud in bilaspur
बिलासपुर में ठगी

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 13, 2024, 6:28 PM IST

बिलासपुर:इन दिनों जिले में ठग काफी एक्टिव हो गए हैं. एजेंसी देने के नाम पर युवक से करीब 65 लाख रुपए की ठगी की गई है. शिकायत के बाद तारबाहर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है.

जानिए पूरा मामला:दरअसल, ये पूरा मामला तारबाहर थाना क्षेत्र का है. यहां ग्रीन गार्डन कॉलोनी मंगला के रहने वाले मनोज कुमार केसरवानी पान मसाला और जमीन खरीदी बिक्री काम करते हैं. मनोज ने एक दिन पेपर में विज्ञापन देखकर एडवांस इंटरनेशनल रायपुर के ऑफिस में फोन किया. शुरुआती बातचीत के बाद ऑफिस वालों ने बिलासपुर की सीमा श्रीवास्तव से संपर्क करने की बात कही.

कई किस्तों में मांगे गए पैसे : इस पर प्रार्थी मनोज कुमार केसरवानी की राजीव प्लाजा के मेन मार्केट में एजेंसी खोलने की बात तय हुई. बात होने के बाद उस कंपनी के संस्थापक यशवंत सिन्हा से पीड़ित की मुलाकात हुई. एजेंसी के लिए जगह चयन करने के बाद तीस लाख रुपए में एजेंसी देना तय हुआ. ईमेल के माध्यम से जानकारी दी गई. इस पर पीड़ित ने यशवंत सिन्हा और सीमा श्रीवास्तव के बताए खाते में आरटीजीएस के माध्यम से उनको तीस लाख रुपये दिए. दोनों ने पीड़ित को विश्वास दिलाने और धोखा देने के उद्देश्य से एक फर्जी एग्रीमेंट किया. एग्रीमेंट होने के करीब लगभग 2 माह बाद सीमा और यशवंत सिन्हा ने मनोज केशरवानी से संपर्क किया और बताया कि उनकी नई फैक्ट्री लग रही है. मशीन लगाने के लिए पैंतीस लाख रुपये की और जरूरत है. इसके बाद उससे फिर पैसों की मांग की गई.

पच्चीस लाख का फर्जी बिल भेजा:इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित को झूठा आश्वासन देकर मॉडलर किचन के साथ-साथ इंटीरियर का काम भी देने का आश्वासन दिया. 6 माह बीत जाने के बाद जब उन लोगों के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा था. उस दौरान शोरुम खोलने और फर्नीचर में तकरीबन पांच लाख रुपये और खर्च हो गये, तो उन लोगों के उपर मनोज केशरवानी ने दबाव बनाया. तब 2-3 लाख रुपये का सामान भेजकर करीब पच्चीस लाख बहत्तर हजार दो सौ सतहत्तर रुपये का फर्जी बिल आरोपियों ने भेज दिया.

पीड़ित ने दर्ज की शिकायत: बिल के संबंध में जानकारी लेने पर यशवंत सिन्हा के द्वारा बिल में दिये गये जीएसटी नंबर फर्जी होने की जानकारी पीड़ित को मिली. ठगी का पता लगने पर पीड़ित ने तारबाहर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस केस की जांच में जुट गई है.

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