बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पूर्व सीबीआई मजिस्ट्रेट और व्यवहार न्यायाधीश प्रभाकर ग्वाल की याचिका को खारिज कर दिया है. ग्वाल ने फुल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए खुद को बर्खास्त किए जाने के संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसपर कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता ने न्याय मूर्तियों की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है. फुल कोर्ट ने जिन आधारों पर फैसला दिया है वह सही है.
बता दें, हाईकोर्ट के फुल कोर्ट ने 2016 को बिलासपुर सत्र न्यायालय में पदस्थ व्यवहार न्यायाधीश प्रभाकर ग्वाल को पद से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया था. छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलवाद प्रभावित सुकमा के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रभाकर ग्वाल की बर्खास्तगी के बाद उनसे संबंधित मामले की सुनवाई करने वाले मजिस्ट्रेट को भी निलंबित कर दिया गया था. इसमें रजिस्टार जनरल के आदेश को भी आधार बनाया गया था. जिसमें कहा गया था कि याचिकाकर्ता की पत्नी प्रतिभा ग्वाल ने अमित दुबे समेत 18 के खिलाफ एक याचिका एसीजेएम रायपुर की अदालत में दायर की है.
जस्टिस पीसैम कोशी ने की याचिका खारिज