बिलासपुरः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) में त्यौहारी सीजन (Festive season) की धूम जरूर है, लेकिन लोग अब भी कोरोना महामारी (Corona pandemic) के डर से बाहर निकलने से किनारा कर रहे हैं. यही कारण है कि बिलासपुर में फूल बाजार (Flower market) से रौनक गायब सी हो गई है. वहीं, नवरात्र (Navratri) में फूल व्यापारियों (Flower merchants)को उम्मीद है कि शायद त्योहारी सीजन में उनका धंधा चलेगा और फूलों की डिमांड बढ़ेगी. बता दें कि दुर्गा पूजा में वैसे भी पंडाल (Pandal) और देवी (Devi) की साज-सज्जा फूलों से की जाती है. यही कारण है कि फूल व्यापारियों को त्योहारी सीजन में धंधा चलने की उम्मीद थी, लेकिन अब इससे भी व्यापारियों को कोई खास खुशी नहीं मिल पा रही है.
साल भर रहती है फूलों की डिमांड
बता दें कि फूलों (Flower) की मांग पूरे साल भर रहती है और तरह-तरह के फूल अलग-अलग उपयोग में आते हैं. शादी सीजन में स्टेज सजावट से लेकर कार सजावट और दूल्हा-दुल्हन के साथ ही बारातियों का स्वागत फूल माला पहनाकर किया जाता है. इसके अलावा मंदिरों में पूजा-अर्चना के काम में भी फूलों का काफी महत्व है. खासकर त्यौहारों में देवी-देवताओं को लोग फूल चढ़ाकर मन्नतें मांगते हैं. साथ ही कई राजनीतिक और समाजिक कार्यक्रमों में फूलों का विशेष महत्व होता है.
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हर शुभ काम में फूल है अहम
भारत में हर शुभ काम के दौरान फूलों की भूमिका अहम मानी गई है और यही कारण है कि फूल बाजार पूरे देश में 12 महीना चलने वाला धंधा माना जाता है. हालांकि महामारी ने अब इस धंधे को भी पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. बाजार में वैसे तो सैकड़ों किस्म की फूल मौजूद है और फूलों का बाजार फूलों से पूरी तरह गुलजार है. हालांकि अभी फूल मंडी में व्यापारियों को ग्राहक का इंतजार है. दरअसल कोरोना के डर से अभी भी लोग घरों में ही पूजा कर रहे है.