लोकल ट्रेनों का 'स्पेशल' किराया, 10 रुपये का किराया 30 रुपये हुआ - बिलासपुर न्यूज
बिलासपुर से चलने वाली लोकल ट्रेनों का किराया दो से तीन गुना बढ़ गया है. जिससे यात्री काफी परेशान है. यात्रियों ने रेलवे की इस पहल की कड़ी निंदा की है.
बिलासपुर में लोकल ट्रेनों का किराया बढ़ा
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Published : Feb 15, 2021, 1:49 PM IST
बिलासपुर: बीते 12 तारीख से कुछ लोकल ट्रेनों का परिचालन तो शुरू हो गया. लेकिन ट्रेनों के किराए में बेतहाशा वृद्धि ने आमलोगों का कमर तोड़ दी है. यह किराया पिछले किराए के मुकाबले कहीं तिगुना तो कहीं दोगुना ज्यादा है. ETV भारत की टीम यात्रियों के बीच पहुंची और किराए वृद्धि को लेकर उनके मन की बात जानने की कोशिश की.
बिलासपुर में लोकल ट्रेनों का किराया बढ़ा
10 रुपये का किराया 30 रुपये हुआ
बिलासपुर रेलवे स्टेशन
दरअसल 11 महीने से बंद लोकल ट्रेनों को जब शुरू करने का ऐलान किया गया तो यात्री काफी खुश हुए. लेकिन चेहरे की ये खुशी उस वक्त शिकन में बदल गई जब यात्रियों को 10 रुपये के किराये की जगह 30 रुपये देने पड़ रहे हैं.
किराया बढ़ने से यात्रियों में नाराजगी
ट्रेन में सफर करते यात्री
कोरोनाकाल में लंबे समय से रेल यातायात बाधित रहा.अब जब महीनों बाद आम आदमी को राहत देने के लिए कुछ लोकल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया तो यात्रियों की परेशानी कम होने के बजाय और बढ़ गई है. यात्रियों ने बेतहाशा किराया वृद्धि को सिरे से नकारा है और रेलवे की इस पहल की कड़ी निंदा की है. यात्रियों ने कहा कि कोरोनाकाल में आमोखास सबकी स्थिति खराब हुई है. कइयों लोगों की नौकरी छूट गई. खासकर आम आदमी सबसे ज्यादा आर्थिक रूप से परेशान रहा. ऐसे में किराए की अत्यधिक वृद्धि समझ से परे है.
बिलासपुर से रायपुर का किराया 30 से बढ़कर 55 रुपये हुआ
बिलासपुर रेलवे स्टेशन
ETV भारत से बात करते हुए यात्रियों ने कहा कि पैसेंजर और लोकल ट्रेनों में वैसे भी अधिकतर कम आमदनीवाले लोग ट्रैवल करते हैं. उनके जेब पर किराए के रूप में अधिक बोझ पड़ना सही नहीं है. पहले बिलासपुर से रायपुर जाने पर लोकल ट्रेनों में 30 रुपये के किराए से काम चल जाता था, तो वहीं अब यह किराया लगभग दोगुना यानी 55 रुपये हो गया है. इसी तरह मेमू गाड़ियों और अन्य ट्रेनों में भी अधिक किराए से यात्री परेशान हैं.
दरअसल इन पैसेंजर ट्रेनों को फिलहाल स्पेशल ट्रेन नाम से चलाया जा रहा है. ट्रेनों की सुविधा पहले की ही तरह है. लेकिन स्पेशल के टैग लगने के बाद ट्रेनों के किराए में जरूर बेतहाशा वृद्धि की गई है.
रेल अधिकारी इस मामले में रेलवे बोर्ड के निर्णय का हवाला देते हुए किराए वृद्धि के सवाल पर मामले को टालते हुए नजर आए. फिलहाल यात्रियों को अधिक किराया का बोझ तो उठाना पड़ रहा है लेकिन रेलवे प्रशासन आगे कुछ निर्णय लेने की बात कहकर फिलहाल अपनी जिम्मेदारी से बचते नजर आ रहा है. किराए को लेकर कुछ भी स्पष्ट संकेत नहीं दिया जा रहा है.