बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में इस बार लोकसभा चुनाव बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए ही बेहद खास है. बीजेपी के पास विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद खुदको साबित करने का मौका है, तो वहीं कांग्रेस के सामने चुनौती है कि वो विधानसभा चुनाव की ही तरह इस आम चुनाव में भी प्रदर्शन करे.
ऐसे में हाईप्रोफाइल बिलासपुर लोकसभा सीट पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. बिलासपुर अबतक बीजेपी के लिए बेहद लकी सीट साबित हुई है. साल 1996 के बाद से बिलासपुर सीट पर बीजेपी का ही परचम लहराते आया है. वहीं कांग्रेस तब से लेकर अब तक इस सीट पर वनवास काट रही है.
इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी अपने इस रिकॉर्ड को कायम रखने के की पुरजोर कोशिश कर रही है, वहीं कांग्रेस इस सीट पर वनवास खत्म कर इसे जीतने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है.
बिलासपुर लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास
- 1957 में कांग्रेस के रेशमलाल ने आरआरपी के सूरजनाथ पांडेय को 16714 मतों से हराया.
- 1962 में आइएनडी के सत्यप्रकाश ने जेएस के जमुना प्रसाद को 2171 मतों से हराया.
- 1967 में कांग्रेस के अमर सिंह ने बीजेएस के मदनलाल शुक्ला को 1541 मतों से हराया.
- 1971 में कांग्रेस के रामगोपाल तिवारी ने बीजेएस के महरणलाल पांडेय को 8310 मतों से हराया.
- 1977 में बीएलडी के निरंजन केशरवानी ने कांग्रेस के अशोक राव को 12827 मतों से हराया.
- 1984 में इंदिरा कांग्रेस के खेलनराम जांगड़े ने भाजपा के गोविंद राम मिरी को 114267 मतों से हराया.
- 1989 में भाजपा के रेशमलाल जांगड़े ने कांग्रेस के खेलनराम जांगड़े को 5171 मतों से हराया.
- 1991 में कांग्रेस के खेलनराम जांगड़े ने भाजपा के गोविंदराम मिरी को 37961 मतों से हराया.
- 1996 में भाजपा के पुन्नूलाल मोहिले ने कांग्रेस के खेलनराम को 34880 मतों से हराया.
- 1998 में भाजपा के पुन्नूलाल मोहिले ने कांग्रेस के तान्या अनुरागी को 48615 मतों से हराया.
- 1999 में भाजपा के पुन्नूलाल मोहिले ने कांग्रेस के रामेश्वर कोसरिया को 75333 मतों से हराया.
- 2004 में भाजपा के पुन्नूलाल मोहिले ने कांग्रेस के डॉ. बसंत पाहरे को 81553 मतों से हराया.
- 2009 में भाजपा के दिलीप सिंह जूदेव ने कांग्रेस की डॉ रेणु जोगी को 20139 मतों से हराया.
- 2014 में भाजपा के लखनलाल साहू ने कांग्रेस की करुणा शुक्ला को 176436 मतों से हराया.
बिलासपुर लोकसभा सीट का इतिहास देखा जाए तो 1984 के बाद से बीजेपी ने इस सीट पर 7 बार जीत दर्ज की है और पुन्नूलाल मोहिले 4 बार सांसद बने हैं. ऐसे में अब कांग्रेस बीजेपी के जीत के इस सिलसिले को तोड़ने की भरसक कोशिश कर रही है, अब देखना होगा कि बीजेपी अपने जीत के सिलसिले को बनाए रखती है या कांग्रेस इस सीट पर वनवास खत्म कर जीत दर्ज करती है.