Effect Of Health Workers Strike : सिम्स मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई - सिम्स मेडिकल कॉलेज
Effect Of Health Workers Strike छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ सेवा चरमरा गई है. मरीज सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं लेकिन उन्हें निराशा हाथ लग रही है.
सिम्स मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई
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Published : Jul 5, 2023, 2:12 PM IST
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Updated : Jul 6, 2023, 6:21 PM IST
सिम्स मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई
बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्यकर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है.जिसका असर बिलासपुर में देखा जा रहा है.सरकारी अस्पतालों में मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं. बिलासपुर के सिम्स मेडिकल कॉलेज में भी मरीज परेशान हैं.इलाज नहीं मिलने के कारण सिम्स आने वाले गरीब मरीज अब निजी अस्पतालों की ओर रुख कर रहे हैं.
क्यों कर रहे हैं स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल : आपको बता दें कि मंगलवार से प्रदेश के लगभग 50 हजार स्वास्थ्यकर्मी अपनी लंबित मांगों को लेकर काम बंद हड़ताल पर चले गए हैं. जिसके कारण संभाग के सभी स्वास्थ्यकर्मी 4 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर समय-समय पर शासन को अवगत कराया है, लेकिन शासन ने सिर्फ आश्वासन दिया.मांगें पूरी होती नहीं देख अब स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल का सहारा ले रहे हैं.
सिम्स अस्पताल में मरीजों का बुरा हाल :स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल का सीधा असर मरीजों पर पड़ने लगा है. हड़ताल के कारण सिम्स अस्पताल की व्यवस्था बिगड़ चुकी है. नर्सों के नहीं होने के कारण एडमिट मरीजों को दवाईयों के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है.वहीं एक्सरे,पैथॉलोजी और ईसीजी के मरीजों की जांच भी अटकी हुई है.लिहाजा मरीजों को निजी सेंटर्स में जांच के लिए जाना पड़ रहा है.
'' मरीजों को परेशानी तो हो रही है, लेकिन अभी तो वह जैसे तैसे व्यवस्था बना रहे हैं, यदि स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल लगातार जारी रहेगी तो आने वाले दिनों में व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी. स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल पर जाने की वजह से अस्पताल में हो रही दिक्कतों की जानकारी उन्होंने डीएमई कार्यालय में दी है, और कोशिश कर रहे हैं कि जैसे तैसे करके अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था बरकरार रखी जाए.'' नीरज शिंदे,मेडिकल सुपरिटेंडेंट
सिम्स मेडिकल कॉलेज में कौन सी सेवाएं हुईं बाधित
सेंट्रल लैब पैथोलॉजी
हेमोग्लोबिन, सम्पूर्ण ब्लड सेल जांच, ई.एस.आर., ब्लड ग्रुप, परिफेरल स्मीयर, मलेरिया, यूरिन रूटीन माइक्रोस्कोपी जैसे महत्वपूर्ण जांच की मशीन चलाने वाला कोई नही है. पहले एक दिन में 1200 जांच होती थी, आज 500 नहीं हो पाई है.
पैथोलॉजी कॉलेज
हिस्टोपैथोलॉजिकल जांच मरीजो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. जिसमें कैंसर जैसे कारणों एवं बीमारी का पता चलता है पूर्णतः बंद है. फोरेंसिक हिस्टोपैथोलॉजिकल जांच जिनमे पोस्टमार्टम के विसरा जांच के लिए महत्वपूर्ण है जो कि आपराधिक प्रकरण की भी जांच की जाती है समस्त जांच मानवधिकार से भी संबधित है. समस्त जांच पूर्णतः बंद है.
साइटोपैथोलॉजी जांच जिसमे FNAC जैसे महत्वपूर्ण जांच जिसके जांच के बाद मरीजो का उपचार चालू किया जाता है पूर्णतः बंद है. स्पेशल हेमाटोलॉजी के समस्त स्पेशल जांच एवं यूरिन 24 hours की समस्त प्रकार की जांच बंद है. कॉलेज में एमबीबीएस के स्टूडेंट की पढ़ाई हेतु प्रायोगिक क्लासेस बंद है.
बायोकेमिस्ट्री हॉस्पिटल
लिवर, किडनी, ब्लड शुगर, हार्ट, प्रोटीन से संबंधित समस्त प्रकार के जांच होने वाले मशीन को चलाने वाले हड़ताल पर है. पहले एक दिन में 500 प्रकार के जांच किया जाता था आज 150 नही पहुंच पा रहा है.
थाइरोइड, विटामिन बी12, विटामिन डी3, प्रोलैक्टिन आदि समस्त प्रकार के जांच बंद है. पहले 100 सैंपल प्रतिदिन जांच होते थे.कॉलेज में एमबीबीएस के स्टूडेंट की प्रायोगिक क्लासेस बंद है.
माइक्रोबायोलॉजी
हेपेटाइटिस बी, हेपटाइटिस सी, सी.आर.पी., विडाल, RA फैक्टर जैसे महत्वपूर्ण जांच भी प्रभावित है. पहले 150 सैंपल जांच होती थी आज 50 हो पा रहा है. साथ ही एमबीबीएस के स्टूडेंट की प्रायोगिक क्लासेस बंद है.
फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग
पोस्ट मॉर्टम जांच पूर्णतः बंद हो गई है क्योंकि वहा काम करने वाले कर्मचारी हड़ताल पर है. आपराधिक प्रकरण जैसे डीएनए जांच हेतु सैंपल का भी मामला कर्मचारी के न होने से नही हो पा रहा है. सिम्स मेडिकल कॉलेज के स्थापना विभाग से लेकर समस्त विभाग के कार्यलय बंद है. सेंट्रल स्टोर भी बंद है.