बिलासपुर:ED reaches High Court against Suryakant Tiwari छत्तीसगढ़ में पिछले दिनों कोयला कारोबारियों के यहां ईडी के छापे के बाद बड़े कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी ने खुद सरेंडर कर दिया था. ईडी की विशेष अदालत ने सूर्यकांत तिवारी को उनकी मांग पर कुछ राहत दी है. विशेष अदालत से मिली राहत के आदेश को प्रवर्तन निदेशालय ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. इस याचिका में ईडी ने अर्जेंट सुनवाई की मांग की थी. जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए नंबर आने के बाद सुनवाई करने की बात कही है.ED raids in Chhattisgarh
29 अक्टूबर को सूर्यकांत तिवारी ने किया था सरेंडर: सूर्यकांत तिवारी ने रायपुर की विशेष अदालत में 29 अक्टूबर को सरेंडर किया था. इसकी जानकारी होने के बाद ईडी के वकील ने कोर्ट को बताया कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस है. जिसमें उनकी गिरफ्तारी करनी है. सूर्यकांत की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए कोर्ट से रिमांड मांगी थी. जिसपर कोर्ट ने 12 दिन की रिमांड दिया है. इस दौरान सूर्यकांत तिवारी के वकील ने कोर्ट से मांग की थी कि उन्हें वकील के सामने पूछताछ करने का आदेश दिया जाए. वकील की मांग मानते हुए कोर्ट ने आदेश दिया कि सूर्यकांत तिवारी से जब भी पूछताछ की जाएगी तो उनके वकील उनके पूछताछ की करवाई को देखते रहेंगे.सूर्यकांत तिवारी के वकील ने विशेष अदालत के समक्ष यह भी आवेदनपत्र प्रस्तुत किया था. कि उसे वकील और परिवारवालों से मिलने का मौका दिया जाए. इस पर कोर्ट ने परिवार वालों से मिलने के आग्रह को खारिज करते हुए उसके वकील को हर एक दिन की अंतराल में मिलने का आदेश दिया है.ED seeks end Suryakant Tiwari exemption
ईडी ने हाई कोर्ट में आदेश को चुनौती दी:ईडी ने रायपुर की विशेष अदालत से सूर्यकांत तिवारी को दी वकील से मिलने की दी गई छूट के आदेश को खारिज करने की मांग की है. हाई कोर्ट में पेश याचिका में ईडी ने कहा है कि सूर्यकांत तिवारी से उसके वकील की निगरानी में पूछताछ की जा रही है. वहीं अब उसे वकील से मिलने का आदेश दिया गया है. यदि वकील सूर्यकांत से मिलने लगेंगे तो ईडी की जांच प्रभावित होगी. वह रोज अपने वकील से मिलेगा, तो बताएगा कि क्या पूछताछ की जा रही है और इसकी जानकारी शेयर कर वह जांच को प्रभावित करेगा. बुधवार को इस याचिका पर ईडी के वकील ने अर्जेंट सुनवाई करने का आग्रह किया और जस्टिस दीपक तिवारी की कोर्ट में बहस की. लेकिन कोर्ट ने उनकी तर्कों को नहीं सुना और कहा कि केस का नंबर आने पर ही प्रकरण की सुनवाई होगी.