बिलासपुर: छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर की ओर से छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न विभागों के सहयोग से शनिवार को ई-विधिक सेवा मेगा कैंप का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान मुख्य न्यायाधीश पीआर रामचंद्रन मेनन और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा के उपस्थित रहे.
ई-विधिक सेवा मेगा कैंप का आयोजन ई-प्लेटफार्म के जरिए हर जिले में किया गया. इस कैंप के जरिए राज्य शासन की ओर से संचालित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ चयनित हितग्राहियों को दिया जाएगा. साथ ही आम नागरिक जिन्हें इन योजनाओं का लाभ लेना है, वे राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के न्याय एप (NYAY CGSLSA APP) की शिकायत पेटी में अपने आवेदन डाल सकते हैं. कोविड-19 के कारण लंबे समय से हितग्राहियों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था. लाॅकडाउन और कार्यालयों के बंद होने के कारण आम नागरिक संबंधित विभागों से भी संपर्क नहीं कर पा रहे थे. इस मेगा कैंप के जरिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों की ओर से स्थानीय जिला प्रशासन और विभागों से समन्वय स्थापित कर लोगों को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा.
न्याय दिलाने के लिए अच्छी पहल: जस्टिस प्रशांत मिश्रा
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और हाईकोर्ट के जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा कि वंचितों को आर्थिक और सामाजिक न्याय दिलाने के लिए ई-मेगा विधिक सेवा कैंप एक अभिनव पहल है. न्याय सिर्फ अदालत तक सीमित नहीं है. बल्कि इसकी विस्तृत परिभाषा है. विभिन्न विभागों के सहयोग और समन्वय से ई मेगा कैंप सीरीज राज्य के 23 जिलों और 64 तालुकाओं में आयोजित किया गया. कैंप की शुरुआत में ही 4 लाख 40 हजार से ज्यादा हितग्राहियों को एक सौ ग्यारह करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाया गया.
अंतिम व्यक्ति तक मदद पहुंचाना उद्देश्य: जस्टिस प्रशांत मिश्रा
कैंप के उदघाटन के अवसर पर जस्टिस मिश्रा ने कहा कि ई-मेगा कैंप जन जागरूकता के लिए एक अभिनव प्रयास है. वर्तमान में कोविड-19 की परिस्थिति में विधिक साक्षरता की गतिविधियां ई प्लेटफार्म पर हो रही है. राज्य में पहली ई-लोक अदालत सफल रूप से आयोजित होने के बाद ई-मेगा कैंप पर विचार किया गया. जब-जब विकट स्थिति होती है तो कंधे से कंधा मिलाकर कार्यपालिका और न्यायपालिका यह प्रयास करते हैं कि अंतिम छोर के व्यक्तियेां को उनका अधिकार दिलाएं. कोविड से निपटने के लिए सरकार अपना कार्य बखूबी कर रही है, लेकिन इस परिस्थिति में योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए ई-मेगा कैंप एक अच्छा प्लेटफार्म है. जस्टिस ने बताया कि पैरालिगल वालिंटियर्स जमीनी स्तर पर जाकर जरूरतमंद लोगों तक योजनाएं पहुंचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. इस कैंप के जरिए यदि किसी व्यक्ति को तत्काल फायदा मिल रहा है तो यह इसकी बड़ी सफलता है. ई-मेगा कैंप के जरिए शासन की योजनाओं को गरीबों तक पहुंचाने के लिए पूरे नवंबर महीने तक कार्रवाई जारी रहेगी.
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