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अरपा भैंसाझार बांध के खुले सभी गेट, निचले इलाकों में पानी भरने से मचा हड़कंप

छत्तीसगढ़ में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. अरपा भैंसाझार बांध (Arpa Bhainsajhar Dam) से पानी छोड़े जाने से अरपा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. जिससे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति निर्मित हो गई है.

Arpa Bhainsajhar Dam
अरपा भैंसाझार बांध

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Published : Sep 16, 2021, 5:55 PM IST

बिलासपुर: बुधवार को अरपा भैंसाझार बांध (Arpa Bhainsajhar Dam) से पानी छोड़े जाने से अरपा नदी का जलस्तर बढ़ गया. दोपहर सूचना मिलते ही ज़िला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया. नगर निगम की ओर से तटीय इलाके में मुनादी शुरू करायी गई. सम्भावित जल भराव की स्थिति को देखते हुए नगर निगम (Municipal council) ने सभी मैदानी अमले को सतर्क किया और स्कूलों के साथ सामुदायिक भवनो में राहत शिविर बनाए.

अरपा भैंसाझार बांध के खुले सभी गेट

बिलासपुर के कोटा क्षेत्र में निर्मित अरपा भैसाझार बांध (Arpa Bhainsajhar Dam) में पानी अधिक जमा होने पर एकाएक जल जनसाधन ने बांध के सभी गेट खोल दिये. गेट के खुलते ही अरपा नदी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई. अरपा नदी के निचले इलाकों में पानी भरने से वहां के लोगों को काफी परेशानियां उठानी पड़ी. कई घरों में पानी भी भर गया. जिसे लेकर जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम ने समय रहते राहत कार्य शुरू कर दिया.

नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम की तरफ से किए जा रहे राहत कार्य की वजह से कोई जनहानि नहीं हुई है. लेकिन लगभग ढाई सौ घरों में पानी भर गया. यहां रहने वाले लोगों को रात में ही रेस्क्यू कर उनके घर से निकाल लिया गया है. जिन घरों में पानी भरा है वो नदी के बिल्कुल करीब बने थे.

रेस्क्यू कर लोगों को निकाला बाहर

नदी में साल भर कलिंदर, ककड़ी और खीरा की खेती करने वाले लोग झोपड़ी बनाकर वहां रहते हैं. इन्हीं घरों में रात में पानी घुस गया था. नगर निगम महापौर रामशरण यादव ने बताया कि घरों में पानी भर गया था. जिन्हें रेस्क्यू कर रात में ही निकाल लिया गया और घर की बिजली भी काट दी गई ताकि करंट ना फैल सके.

महापौर ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सामुदायिक भवनों में ठहराया गया है और जैसे ही पानी का स्तर कम होगा उन्हें वापस उनके घर भेज दिया जाएगा. इसके साथ ही जिला प्रशासन की एक टीम सर्वे कर प्रभावित क्षेत्रों में हुई हानि का जायजा लेगी और मुआवजा वितरित करेंगे.

जल संसाधन विभाग की 'लापरवाही'

मौसम विभाग ने बारिश शुरू होने के 3 दिन पहले ही अलर्ट जारी किया था. बावजूद इसके जल संसाधन विभाग लापरवाही बरत रहा था. डुबान वाले क्षेत्रों में लोगों को हटने के लिए भी किसी प्रकार की ना व्यवस्था की गई और ना ही समझाइश दी गई. अचानक अरपा भैसाझार बांध में पानी का लेवल बढ़ा गया. जिस पर जल संसाधन विभाग ने बांध के सभी गेट खोल दिए 2300 क्युमेक्स पानी प्रति सेकंड छोड़ दिया.

जिसकी वजह से शहर के शनिचरी रपटा पुल डूब गया. इसी के साथ ही निचली बस्ती में पानी घुस गया. पानी के आने से स्थिति खराब होने लगी, हालांकि इस पूरे मामले में जिला प्रशासन और नगर निगम की रेस्क्यू टीम ने तत्परता दिखाते हुए काम शुरू किया और डुबान क्षेत्र में आने वाले घरों में रहने वाले लोगों को बाहर निकाल लिया गया है.

कलेक्टर ने की अपील

नगर निगम ने बाढ़ प्रभावितों के लिए जो व्यवस्था की है. उसमें लोगों को कई जगहों पर ठहराया है. जोन-८ के जबड़ापारा क्षेत्र के जल भराव से प्रभावित लोगों के लिए चन्द्रा सामुदायिक भवन में राहत शिविर बनाया गया है. भोजन एवं ठहरने कि व्यवस्था की गयी है. अरपा में जलस्तर में वृद्धि होने से रपटा के ऊपर दिन से पानी आ गया था. शाम होते तक लगातार जल स्तर बढ़ते रहने पर जिला प्रशासन के साथ नगर निगम, पुलिस एवं नगरसेना के जवान अलर्ट है और सतत निगरानी रख रहे हैं.

कलेक्टर डॉक्टर सारांश मितर ने लोगों से अपील की है कि नदी के जल स्तर में कमी आने तक नदी के आस पास के इलाक के लोग सतर्क रहें एवं प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें. ताकि जान माल की हानि ना हो. उन्होंने राहत शिविरों में सभी व्यवस्थाए करने अधिकारियों को निर्देशित दिए हैं. वहीं कलेक्टर ने आम जनता से अलर्ट रहने और सुरक्षित रहने की अपील की है. साथ ही कहा कि बारिश का मौसम है और ऊपरी क्षेत्रों में बारिश ज्यादा हुई है. जिसके कारण जलस्तर बढ़ा है, इसलिए सावधान रहें.

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