बिलासपुर : छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS) के डॉक्टर पर भ्रष्टाचार की जांच करने स्वास्थ्य विभाग के डीएमई ने पत्र जारी किया (Doctor of cims accused of corruption in Bilaspur) है. पत्र मिलने के बाद सिम्स मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने संबंधित डॉक्टर के भ्रष्टाचार की जांच करने 3 सदस्यीय टीम गठित की है. टीम डॉक्टर के भ्रष्टाचार की जांच तो कर रही है, लेकिन सबंधित डॉक्टर की न तो छुट्टी की गई है और न ही निलंबित किया गया है. ऐसे में जांच प्रभावित होने का डर बना हुआ है.प्रबंधन इस मामले में भले ही कह रही है कि जांच प्रभावित नही होगी लेकिन अब यह जांच ही सवालों के घेरे में (am investigats without suspension of Doctor)है.
पहली बार लगा है भ्रष्टाचार का आरोप :22 सालों से सिम्स मेडिकल कॉलेज बिलासपुर में संचालित है. यह पहली बार है कि यहां के किसी डॉक्टर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. डीएमई के आदेश पर जांच हो रही है. सिम्स के पैथोलॉजी प्रोफेसर पर अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है.जिसकी जांच रिपोर्ट तैयार कर डीएमई को एक सप्ताह में पेश करना है. सबसे आश्चर्य की बात ये है कि संबंधित डॉक्टर बीपी सिंह अभी भी सिम्स में अपने सेवा दे रहे हैं. जांच के बावजूद उन्हें बिना निलंबित किए या छुट्टी पर भेजे बगैर ही जांच शुरू कर दी गई है. ऐसे में जांच प्रभावित हो सकती है. संबंधित डॉक्टर अभी भी अपने पद की सारी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं. डॉक्टर बीपी सिंह पैथोलॉजी विभाग के हेड है. इसी से जुड़ी भ्रष्टाचार की जांच की जा रही है.