बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के चर्चित झीरम घाटी हत्याकांड की जांच प्रक्रिया तेजी से चल रही है. 25 मई 2013 को हुए इस बड़े नक्सली हमले में कांग्रेस ने अपने शीर्ष नेतृत्व को खो दिया था. कड़ी में शुक्रवार को डीआईजी, नक्सल ऑपरेशन पी सुंदरराज का न्यायिक जांच आयोग के सामने क्रॉस एग्जामिनेशन हुआ.
झीरम हमला मामले में DIG पी सुंदरराज का क्रॉस एग्जामिनेशन इस दौरान पी सुंदरराज ने झीरम नक्सली हमला मामले में जस्टिस प्रशांत मिश्रा की एकल सदस्यीय आयोग के सामने दिवंगत महेंद्र कर्मा के मामले में कई महत्वपूर्ण जानकारी दी. जो पिछली सरकार ने न्यायिक जांच आयोग को नहीं दी थी.
पढ़ें: झीरम घाटी हमला एक राजनीतिक साजिश: शैलेष नितिन त्रिवेदी
पिछली सरकार पर अधिवक्ता ने लगाए आरोप
मामले में पीसीसी के अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने कहा कि आज की सुनवाई के दौरान पी सुंदरराज ने यह स्वीकार किया है कि महेंद्र कर्मा के सुरक्षा को लेकर तत्कालीन केंद्र सरकार ने जो पिछली सरकार को पत्र लिखकर जरूरी दिशा निर्देश दिए थे, उसका अभिलेख में कहीं जिक्र नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से 20 मई 2014 को जो शपथपत्र सौंपा गया था, उसमें भी इस पत्र का जिक्र नहीं है.
गवाहों का क्रॉस एग्जामिनेशन जारी
बता दें कि 25 मई 2013 की चर्चित झीरम कांड मामले में विशेष न्यायिक जांच आयोग में लगातार सुनवाई चल रही है. आयोग के सामने दोनों पक्षों से गवाहों का क्रॉस एग्जामिनेशन जारी है, जिसमें रोजाना कुछ नए खुलासे हो रहे हैं.
25 मई साल 2013 को हुए नक्सली हमले में कांग्रेस के बड़े नेता बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा, तत्कालीन पीसीसी चीफ नंद कुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, उदय मुदलियार शहीद हो गए थे. ये हमला छत्तीसगढ़ में हुए बड़े नक्सली हमलों में से एक था.