बिलासपुर: अरपा नदी में पूरे साल पानी रहने के लिए अरपा उन्नयन योजना के तहत नदी के शहर वाले हिस्से में दो बैराज निर्माण, नदी के दोनों ओर रिटर्निंग वॉल, दोनों किनारों में 4 और 6 लेन सड़क निर्माण करना है. निर्माण के बाद यहां पिकनिक स्पॉट के साथ ही दुकानें और कई निर्माण कराना है. निर्माण कार्य मार्च 2023 में पूरा कर लिया जाना था. लेकिन निर्माण में हो रही लेटलतीफी ने लोगों को निराश कर दिया (delay in barrage being built in Arpa river) है.
मानसून बिगाड़ सकता है काम:दरअसल, अरपा में बारहों माह पानी रहे, इसके लिए शहर के शिवघाट और पचरीघाट में बैराज का निर्माण किया जा रहा है. ऐसा माना जा रहा था कि इस बरसात में इसके पैनल का काम पूरा हो जाएगा और मुख्य स्ट्रक्चर बन जाएगा. जिससे बरसात का पानी रोका जा सकेगा. लेकिन जिस तरह प्रोजेक्ट की रफ्तार धीमी है. इससे तय डेडलाइन में प्रोजेक्ट के पूरा होने में संशय है. अब तक प्रोजेक्ट पर केवल 50 से 55 फीसद काम ही हो सका है. इधर मानसून मुहाने पर है, जिसके आने के बाद प्रोजेक्ट का काम फिर 6 महीने तक प्रभावित रहेगा.
अरपा नदी में बैराज निर्माण का उद्देश्य:शहर में गिरते भू-जल स्तर और अरपा की स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इसके उन्नयन के लिए यह योजना तैयार की है. योजना के तैयार और निर्माण होने से शहर का भूजल स्तर बढ़ जाएगा और आसानी से लोगों को पीने लायक पानी भी उपलब्ध हो जाएगा.
क्या है पूरी योजना:शहर के भीतर अरपा में करीब 100 करोड़ की लागत से शिवघाट और पचरीघाट में दो बड़े बैराज बनाने की मंजूरी दी है. बीते वर्ष प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया गया है. 2023 तक प्रोजेक्ट को पूरा करना है. मार्च लास्ट प्रोजेक्ट का फाइनल डेडलाइन है. ऐसे में माना जा रहा था कि इस वर्ष बरसात से पहले लाईनर और स्ट्रक्चर का काम पूरा हो जाएगा, जिससे बरसात का पानी रोका जा सकेगा. लेकिन जिस तरह प्रोजेक्ट का काम धीमे रफ्तार से चल रहा है. इससे तय डेडलाइन में प्रोजेक्ट के पूरा होने में संशय है. अब तक प्रोजेक्ट पर केवल 50 से 55 फीसद काम ही हो सका है. पचरीघाट में निर्माण कार्य सबसे ज्यादा स्लो है. यहां अभी लाईनर का काम शुरू हो रहा है. जबकि शिवघाट में लाईनर का काम अंतिम चरण में है.