बिलासपुर: CGPSC सिविल जज परीक्षा मामले में चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पीपी साहू की डिविजन बेंच ने सुनवाई हुई. डिवीजन बेंच ने PSC (लोक सेवा आयोग) से जवाब मांगा है. बेंच ने सिविल जज परीक्षा के फर्स्ट मॉडल आंसर और अमेंडेड मॉडल आंसर के अनुसार चयनित 427 छात्रों और जिन 8 बच्चों ने याचिका दायर कर आपत्ति जताई है, उनके अंक की जानकारी मांगी है.
हाईकोर्ट :17 जनवरी को आ सकता है सिविल जज परीक्षा केस का फैसला
डिवीजन बेंच ने सिविल जज परीक्षा के फर्स्ट मॉडल आंसर और अमेंडेड मॉडल आंसर के अनुसार चयनित 427 छात्रों और जिन 8 बच्चों ने याचिका दायर कर आपत्ति जताई है. उनके अंक की जानकारी मांगी है. मामले में शुक्रवार को फैसला आने के कयास लगाए जा रहे हैं.
पीएससी 17 जनवरी को सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को जानकारी सौंपेगी. मामले में शुक्रवार को फैसला आने के कयास लगाए जा रहे हैं. इससे पहले सिंगल बेंच ने पीएससी को छात्रों से बिना अतिरिक्त शुल्क लिए दोबारा सिविल जज परीक्षा लेने का आदेश जारी किया था. साथ ही 15 नवंबर को पीएससी के लिए गए सिविल जज के एग्जाम को रद्द कर दिया था.
जानें पूरा मामला
बता दें कि पिछले साल मई में PSC ने सिविल जज की परीक्षा ली थी. इसका रिजल्ट जुलाई में आया था. छात्रों ने परीक्षा में पूछे गए सवालों को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इस पर फैसला सुनाते हुए 15 नवंबर को सिविल जज के एग्जाम को उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था. उच्च न्यायालय ने पीएससी को छात्रों से बिना अतिरिक्त शुल्क लिए दोबारा सिविल जज परीक्षा लेने का आदेश जारी किया था. कुल 8 छात्रों ने मामले में याचिका दायर की थी. इस पर जस्टिस गौतम भादुरी की कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था. सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ पीएससी और उन छात्रों ने हाईकोर्ट की डिविजन बेंच में अपील की थी, जिनका चयन सिविल जज की परीक्षा में हो रहा था. कुल 5 छात्रों ने सिंगल बेंच के फैसले को डिविजन बेंच में चुनौती दी है.