बिलासपुर:जिले के कोटा विधानसभा के गांव खैरा में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के तहत गौठान निर्माण कराया गया है. लेकिन इस गौठान में यहां के किसानों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिसकी वजह से किसान परेशान हैं. रात के समय अवारा मवेशी उनकी फसलों को चट कर जा रहे हैं.
अपनी फसलों को मवेशियों से बचाने के लिए गांव के लोग एक समूह बनाकर गांव में घूमने वाले आवारा मवेशियों को पकड़ कर एक जगह इकट्ठा कर रहे हैं. जहां से शाम ढलते ही गांव के किसान उस जगह पहुंचकर अपने-अपने मवेशियों को अपने घर ले जा रहे हैं. जिस मवेशी का कोई मालिक नहीं होता है, उन मवेशियों को ग्रामीण गांव में चंदा इकट्ठा कर गाड़ी में भरकर दूरदराज इलाकों में छोड़ रहे हैं, ताकि उनकी फसल बच सके.
गौठान में नहीं रखे जाते आवारा मवेशी
आवारा मवेशियों को दूर छोड़ने के लिए गांव के लोग चंदा इकट्ठा कर एक पिकअप गाड़ी किराए पर लेते हैं. जिसमें वे आवारा मवेशियों को भरकर गांव से दूर रात के वक्त छोड़ आते हैं. गांववालों का कहना है कि खैरा गौठान में सुविधाएं तो है, लेकिन वहां के नियम के मुताबिक मवेशी मालिकों को शाम तक अपने पशुओं को वहां से वापस ले जाना होता है. परेशानी ये है कि आवारा मवेशियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है, जिससे फसलों को नुकसान हो रहा है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यहां गौठान के लिए कोई राशि नहीं आई है. ऐसे में लोग कैसे मवेशी को वहां पर रखेंगे. मवेशियों के लिए चारा-पानी खरीदने और मजदूर रखने के लिए उनके पास पैसे नहीं है. खैरा के गौठान में 4 महीने से पैसा नहीं आया है.
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